मानसून अवधि में प्रदेश में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न होने पाये :रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये है कि मानसून अवधि में प्रदेश में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो, इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग अभी से विशेष सतर्कता बरते। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली जाय। जिला स्तर पर गठित आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को सक्रिय करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये जाय। सभी जिलाधिकारी मानसून अवधि में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पूर्व तैयारियां सुनिश्चित कर ले। इसके लिए शासन स्तर से जो भी सहायता चाहिए, उसका प्रस्ताव समय से भेजा जाय। मुख्यमंत्री रावत द्वारा दिये गये दिशा-निर्देश के क्रम में प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन आर0मीनाक्षी सुन्दरम् द्वारा सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये गये है। जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि मानसून अवधि में अतिवृष्टि, बाढ़, त्वरित बाढ़ एवं नदियों का जल स्तर बढ़ने के फलस्वरूप विशेष सतर्कता बरतने एवं पूर्व तैयारी कर ली जाए। मानसून अवधि में आपदा के बेहतर प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण उपायों हेतु आपदा पूर्व प्राथमिकता के आधार पर तैयारी एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। समय-समय पर आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठकें आयोजित की जाय व उनके कार्यवृत्त शासन को उपलब्ध कराये जाय। जनपदों में प्राथमिकता के अनुसार भूस्खलन, बाढ़ आदि से सम्बन्धित संवदेनशील स्थलों का चिन्हींकरण कर उक्त स्थानों के निकटतम आपदा राहत संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ऐसे स्थानों से नियमित सूचनायें प्राप्त करने की व्यवस्था की जाए। मानसून अवधि में जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्रों तथा बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों को 24ग्7 के आधार पर नियमित रूप से संचालित किया जाए व इनके लिये उपलब्ध कराये गये समस्त उपकरणों का रख-रखाव सुनिश्चित करा लिया जाय। यह भी सुनिश्चित किया जाय, कि आपदा प्रबन्धन प्रयोजनों हेतु निर्मित जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्रों का उपयोग किसी अन्य प्रयोजन हेतु न किया जाय। इस हेतु स्वीकृत पदों के सापेक्ष नियमानुसार पर्याप्त अधिकारियों/ कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित कर ली जाए। जनपद में घटित होने वाली समस्त आपदाओं की सूचना यथा समय जनपद व राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र को उपलब्ध करवायी जाये और केवल इन आपदाआंे के सापेक्ष ही राज्य आपदा मोचन निधि (ैक्त्थ्) से राहत व विभागीय परिसम्पत्तियों की मरम्मत हेतु धनराषि उपलब्ध करवायी जाये। जनपद स्तर पर प्रत्येक विभाग से समन्वय स्थापित कर विभागीय नोडल अधिकारी नामित करा लिये जाए। नामित नोडल अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र को अपने विभाग से संबन्धित सूचना उपलब्ध करायी जायेगी तथा सूचना का संकलन, विश्लेषण कार्ययोजना की तैयारी के साथ जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्रों द्वारा संकलित सूचना तत्काल राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र, सचिवालय परिसर, देहरादून को उपलब्ध करायी जायेगी। समस्त विभागों के नोडल अधिकारियों के नाम/पदनाम/दूरभाष (कार्यालय/आवास) तथा मोबाइल नम्बर जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र तथा राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र में उपलब्ध करा दिये जाए। 7 डेस्क सिस्टम से सम्बन्धित नामित नोडल अधिकारियों से भी अनवरत समन्वय रखा जाए, जिससे किसी आपदा के समय सुव्यवस्थित राहत/बचाव एवं प्रतिवादन किया जा सके। मानसून सत्र में इन अधिकारियों की एक बैठक प्रत्येक सप्ताह अवश्य की जाए।