मिलकर सवारे उत्तराखंड को : त्रिवेन्द्र सिंह रावत
नई दिल्ली /देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड राज्य अपनी स्थापना के 17 वर्ष पूर्ण कर चुका है। 18 वर्ष की अवस्था युवावस्था होती है। यही समय होता है जब व्यक्ति अपने जीवन लक्ष्यों को मजबूती से स्थापित करते हुए उन्हे प्राप्त करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाता है। पिछले 17 वर्षों में उत्तराखण्ड ने बहुत कुछ हासिल किया है परन्तु मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जन संवाद और जन भागीदारी को प्रोत्साहन देकर नीति निर्माण में सभी का योगदान चाहती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों से संवाद शुरू किया है उनकी भावना, सोच को, उनकी अपेक्षाओं को जानने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना समारोह की श्रृंखला में भी सरकार का उद्देश्य जन भागीदारी जन संवाद को प्रोत्साहन देना है। इसी कड़ी में ‘‘रैबार‘‘ कार्यक्रम किया जा रहा है। ‘‘रैबार‘‘ कार्यक्रम में उत्तराखण्ड मूल के विशिष्ट प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोग प्रतिभाग करेंगे। ‘‘रैबार यानी संदेश, यह कार्यक्रम संदेश है उत्तराखण्ड के विकास, खुशहाली के लिए हमें रास्ता बतायें, हमें सुझाव दें, हमारी सहायता करें। उत्तराखण्ड काॅलिंग, उत्तराखण्ड पुकार रहा है। उन्होंने बताया कि ‘‘रैबार‘‘ में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के सचिव श्री भाष्कर खुल्बे, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, कोस्ट गार्ड के डायरेक्टर जनरल श्री राजेन्द्र सिंह, रेलवे बोर्ड के चेयरमेन श्री अश्विनी लोहानी, प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी जैसे विशिष्ट महानुभावों सहित 200 गणमान्य व्यक्ति प्रतिभाग करेंगे। ‘‘रैबार‘‘ कार्यक्रम चार सत्रों में आयोजित होगा। एक उद्घाटन सत्र, दो तकनीकि सत्र तथा एक समापन सत्र होगा। उद्घाटन सत्र में ‘उत्तराखण्ड की पुकार, रूके पलायन, मिले रोजगार’ विषय पर चर्चा होगी। प्रथम तकनीकि सत्र में ‘‘उत्तराखण्ड के दो अनमोल रत्न-पर्यटन और पर्यावरण’’ विषय पर चर्चा होगी। दूसरे तकनीकि सत्र में ‘‘इन्वेस्टमेंट, इंडस्ट्री, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं इन्फाॅर्मेशन के साथ नया उत्तराखण्ड’’ विषय पर चर्चा होगी। अन्तिम सत्र में ‘‘ऐसे बनेगा नया उत्तराखण्ड’’ विषय पर चर्चा होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ’रैबार’ के साथ ही इस वर्ष हम अपने स्थापना समारोह में दो बड़ी नदियों, रिस्पना और कोसी के पुनर्जीवीकरण का अभियान भी शुरू करेंगे। 6 नवम्बर को देहरादून में जल पुरूष राजेन्द्र सिंह और वृक्ष मित्र सच्चिदानंद भारती के साथ रिस्पना नदी को उसके ऋषिपर्णा के मूल रूप में लाने का कार्यक्रम शुरू करेंगे। इसी प्रकार कोसी नदी के लिये अल्मोडा में कार्यक्रम चलायेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने 06 नवम्बर को देहरादून में तैनात सभी आई.ए.एस. अधिकारियों को सरकारी स्कूलों में जाने के निर्देश दिये है। अधिकारी सरकारी स्कूलों में जायें, बच्चों से सीधा संवाद करें, उनकी समस्याओं एवं अपेक्षाओं को जाने और वापस आकर अनके समाधान और बेहतरी के लिए जुट जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय किसी प्रदेश के शासन प्रशासन का नर्वस सिस्टम होता है। यहां से पूरे प्रदेश को कार्य संस्कृति की प्रेरणा मिलती है। सचिवालय में यही कार्य संस्कृति, जनता के प्रति संवेदनशीलता और ईमानदारी एवं पारदर्शिता का संदेश देने के लिए सभी सचिवालय कर्मी 07 नवम्बर को सुबह ‘‘रन फार गुड गवर्नेंस‘‘ में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री ने मीडिया को अपने पिछले 7 माह के कार्यकाल की प्राथमिकताएँ बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की आर्थिक सलाहकार परिषद और नीति आयोग द्वारा तैयार किए गए सूचकांक के अनुसार सामाजिक तरक्की के मामले में उत्तराखण्ड, देश का चैथा शीर्ष राज्य है।