मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने समाधान पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का किया समीक्षा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में समाधान पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे। समाधान पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि जनपद स्तर पर लोगों की समस्याओं की सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्लॉक और तहसील स्तर की समस्याएं डीएम तक पहुंचे, तो डीएम को सोचना चाहिए कि उनके अधीनस्थ अधिकारी क्या कर रहे है? उन्होंने जिलाधिकारियों को दो टूक कहा कि अपने अधीनस्थ जनपदीय अधिकारियों में जनता के प्रति जवाबदेही की संस्कृति विकसित करें। छोटी-छोटी शिकायतों को लेकर लोगों को डीएम से लेकर सीएम तक आना पड़े, यह स्थिति स्वीकार नहीं की जाएगी। जनपदों में शिकायत निवारण तंत्र मजबूत किया जाए। सरकारी तंत्र को हर दिन 24 घंटे जनता की समस्याओं के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वंय कई शिकायतकर्ताओं से फोन पर बात कर अधिकारियों के दावों की पुष्टि की। अल्मोड़ा के प्रकरण में विधवा पेंशन नहीं मिलने की शिकायत पर शिकायतकर्ता से बात न हो पाने पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को किसी जिम्मेदार अधिकारी को मौके पर भेज स्थिति का पता करने को कहा। बीना थापा ने देहरादून से शिकायत की थी कि उन्हें विधवा पेंशन निरंतर नहीं मिल रही है, जिस पर डी0एम ने बताया कि उनका समाधान हो गया है। मुख्यमंत्री ने स्वंय श्रीमती बीना थापा से बात कर इसकी पुष्टि की। मोहम्मद उस्मान ने उधम सिंह नगर से शिकायत की है कि उनके ग्राम बाबर खेड़ा में नालों की सफाई नहीं होती है ,जिस कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया की नालो की सफाई करा दी गई है। राहुल जोगिया ने उत्तरकाशी से शिकायत की थी कि उन्होंने अपना डिप्लोमा कोर्स 2013- 2016 में पूरा किया तथा उन्हें प्रथम वर्ष की छात्रवृत्ति अभी तक नहीं मिली है, जबकि उनके द्वारा सभी दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि कालेज द्वारा छात्रवृति की मांग समय पर नही की गई जिसके कारण बजट लैप्स हो गया। राहुल सहित 11 छात्रों का प्रकरण है और इसमें शासन से बजट मांगा गया है। मुख्यमंत्री ने राहुल से फोन पर बात कर उन्हे आश्वस्त किया। पूर्णचंद्र जोशी ने चंपावत से शिकायत की कि टनकपुर डिपो रोडवेज की बसें किच्छा बस स्टैंड पर नहीं आती है, बसें बाईपास रूट से जाती है, जिसके कारण यात्रियों को असुविधा होती है। जिस पर जिलाधिकारी ने आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया। बागेश्वर से ललित मोहन सिंह ने शिकायत की थी कि उनके क्षेत्र पलारी छीना में बिजली के खंभे झुके हुए हैं तथा इन झुके हुए खंभों पर ट्रांसफार्मर लगे हैं, इस कारण कभी भी कोई दुर्घटना क्षेत्र में घट सकती है। बताया गया कि शिकायत मार्च की है तथा मई में खंभों को बदल दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को पूरे प्रदेश में ऐसे प्रकरणों पर गंभीरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिये। हरिद्वार से अनिल श्रीवास्तव ने शिकायत की थी कि बंगाली कॉलोनी ज्वालापुर में बिजली के तारों की हालत बहुत खराब है। एक फेज तार से ही सप्लाई होने से पूरी कॉलोनी में लाइट की बहुत कम वोल्टेज आती है। जिलाधिकारी ने बताया कि समस्या का समाधान हो गया है। मुख्यमंत्री ने अनिल से बात कर इसकी पुष्टि भी की। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय टिहरी से वीरेंद्र सिंह ने शिकायत की है कि 2016 के अंतिम वर्ष की मार्कशीट और डिग्री का वितरण अभी तक नहीं किया गया है। बताया गया कि मार्कशीट दे दी गई है। लाल कुआं नैनीताल में बिना अनुमति के कुछ स्टोन क्रशर चलने की शिकायत पर विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सभी को अनुमतियां प्रदान की गई है। हेम वर्मा ने हरिद्वार से शिकायत की है कि घरों से निकले कूड़े की अवैध डंपिंग की जा रही है जिससे क्षेत्र में गंदगी फैल रही है तथा मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं, साथ ही आसपास के दुग्ध पालक, जानवरों का ठोस अपशिष्ट भी मैदानों में खुला छोड़ देते हैं। इस पर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को एण्टी लिटरिंग और एण्टी स्पिटिंग एक्ट के अन्तर्गत चालान करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, सचिव मुख्यमंत्री अमित नेगी, राधिका झा, अपर सचिव मुख्यमंत्री डा0 मेहरबान सिंह बिष्ट, ललित मोहन रयाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।