मुझ पर जबरन रिटायरमेन्ट थोपा गया : रावत
देहरादून। निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वे दल-बदल के विरोध में 25 अप्रैल को हरिद्वार के दक्ष मन्दिर से हरकी पैड़ी तक पदयात्रा करेंगे। रावत ने कहा कि मुझ पर जबरन रिटायरमेन्ट थोपा गया है, इस समय का उपयोग वे दल-बदल के विरुद्ध जनजागरण में करेंगे। बीजापुर अतिथि गृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में हरीश रावत ने कहा कि जब केंद्र सरकार हाईकोर्ट के लिखित आदेश के बगैर राष्ट्रपति शासन हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जा सकती है, तो उन पर क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं कि उन्होंने हाईकोर्ट का लिखित आदेश पहुंचे बगैर सीएम के रूप में कैबिनेट बैठक कैसे बुला ली और फैसले कैसे ले लिए। उन्होंने हाईकोर्ट के लिखित आदेश आने से पहले मुख्यमंत्री की हैसियत से कैबिनेट की बैठक करने को सही करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि मुझे अगली बार पच्चीस मिनट का समय भी मुख्यमंत्री के रुप में मिलेगा तो मैं पच्चीस और जनहित के निर्णय करुंगा। श्री रावत ने यह भी कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने भी नैनीताल उच्च न्यायालय के उसी निर्णय के विरुद्ध सर्वाेच्च न्यायालय में अपने वाद को ले गए हैं अगर निर्णय का कोई प्रभाव नहीं था तो वे किस निर्णय के विरुद्ध सर्वाेच्च न्यायालय गए हैं। एक ही निर्णय पर दो यार्डस्टिक कैसे हो सकती हैं, उन्हांेने कहा कि भाजपा नेता वैमनस्य और कटुता का वार्तावरण बनाकर कांग्रेस व पी०डी०एफ० के विधायकों को धमकाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल से विधायकों को अधिक सुरक्षा दिए जाने का आग्रह किया गया है। श्री रावत ने कहा कि मुझ पर जबरन रिटायरमेन्ट थोपा गया है इसलिए इस समय का उपयोग वे दल-बदल के विरुद्ध जनजागरण में करेंगे। उन्होंने कहा कि वे 25 अप्रैल को दक्ष मन्दिर हरिद्वार से हरकी पैड़ी तक सायं के समय पदयात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस न्यायालय के निर्णय की बात की जारी रही है उसकी घोषणा खुली अदालत में न्यायाधीश द्वारा की गई थी, निर्णय तत्काल प्रभाव से ही प्रभावी होता है उसी आदेश के तहत उन्होने अपने कर्तव्य का पालन किया है उनके द्वारा लिए गए सभी निर्णय जनहित में तथा सीधा जनता से सम्बन्ध रखने वाले हैं।