मेयर ने किया रैनबसेरों का निरीक्षण, जानिए ख़बर
देहरादून। मेयर सुनिल उनियाल गामा ने शहर के रैन बसरों का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने शहर का भ्रमण कर अलाव व्यवस्था का भी जायजा लिया। व्यवस्था में खामियां देख मेयर सुनील उनियाल गामा का पारा हाई हो गया। वहीं, शहर के रैनबसेरों और अलाव की व्यवस्थाओं से वह नाखुश दिखे। उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को फोन कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। राजधानी का मौसम सर्द हो गया है। जिसे देखते हुए मेयर सुनील उनियाल गामा बीती रात को शहर की व्यवस्थाएं जांचने खुद निकल पड़े। घंटाघट पहुंचे तो उन्हें लकड़ियां जलती नहीं दिखी। बिंदाल पुल समेत कई स्थानों पर कमोबेश यही स्थिति दिखी। जिस पर मेयर भड़क उठे। मौजूद कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर कोई कमी है तो निगम के अधिकारियों को सूचना क्यों नहीं दी? इसके बाद वह पटेलनगर स्थित रैन बसेरे में पहुंचे। यहां बेसहारा लोगों के लिए गद्दे तो थे, लेकिन रजाई नहीं थी। वहीं, कई दिनों से पानी भी नहीं आ रहा था। मौजूद कर्मचारी ने बताया कि कई बार शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस पर मेयर गामा ने अधिकारियों को फोन कर रैनबसेरे की कमियों को दूर करने को कहा। मेयर ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचे, यहां अतिरिक्त रजाई होने पर उन्होंने वाहन के जरिये 50 रजाई पटेलनगर स्थित रैन बसेरे में भेजी। जिसके बाद मौजूद लोगों को राहत मिली। उधर, अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके सिंह ने भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मेयर गामा आईएसबीटी पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों के साथ अलाव सेंका और व्यवस्थाओं की जानकारी ली। जिस पर मौजूद रामकुमार ने बताया कि वहां अलाव के लिए कम मात्रा में लकड़ियां पहुंचती हैं। शाम छह बजे से अलाव जला दिया जाता है, लेकिन नौ से 10 बजे तक अलाव बुझ जाता है। ऐसे में कंपकंपी छुड़ाने वाली ठंड में राहत नहीं मिल पाती है। कुछ ऐसी ही शिकायत करनपुर, रायपुर, दून अस्पताल और रेलवे स्टेशन पर मौजूद लोगों ने भी की। मेयर ने कहा कि जल्द ही अलाव की दिक्कत को दूर करेंगे। मेयर सुनील उनियाल गामा ने दानदाताओं से रैन बसेरों की मदद के लिए आगे आने का आग्रह किया। कहा कि दानदाताओं की ओर से की गई मदद से बेसहारा लोगों की काफी मदद हो जाएगी। कहा कि कई रैनबसेरों में कंबल, रजाई आदि की कमी है, ऐसे में मदद मिलने से रैनबसेरों की स्थिति और बेहतर हो सकती है। बताया कि जो भी रैन बसेरों में पहुंचकर मदद करेगा, उसका रिकॉर्ड निगम के पास रखा जाएगा।