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बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर शिक्षा से जोड़ा जाएगा: डीएम देहरादून -

Sunday, November 17, 2024

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Sunday, November 17, 2024

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महाभियान का शुभारम्भ, जानिए खबर -

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हम सब ने यह ठाना है इस अभियान को बढ़ाना है “ना ड्रग्स लेंगे और ना लेने देंगे” -

Sunday, November 17, 2024

डा चतुर्वेदी द्वारा स्वामी राम तीर्थ परिसर स्थित लाइब्रेरी में पुस्तक भेट किया -

Friday, November 15, 2024

ऋषिकेश में बाइक हादसे में यूट्यूबर की मौत, दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल -

Wednesday, November 13, 2024

बेरोजगार आंदोलन को फंडिंग करने वालों व पत्थरबाजों को बेनकाब करो सरकारः मोर्चा -

Wednesday, November 13, 2024

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जरा हटके : नेशनल गेम्स के कैंप को लेकर संघ और विभाग आमने-सामने -

Tuesday, November 12, 2024

उत्तराखंड : बॉबी पंवार ने ऊर्जा विभाग में हुई नियुक्तियों पर उठाये गंभीर सवाल -

Tuesday, November 12, 2024

सचिवालय में वरिष्ठ IAS अधिकारी के साथ बॉबी पवार ने की गुंडागर्दी, जानिए खबर -

Thursday, November 7, 2024

दिव्यंगता : जागरूकता अभियान के तहत निशुल्क शिविर का आयोजन -

Thursday, November 7, 2024

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16 नवंबर को दून कप स्टेट फुटबाल चैंपियनशिप का होगा शुभारम्भ -

Sunday, November 3, 2024

आम आदमी पार्टी देहरादून महानगर ने शुरू की नगर निगम चुनाव की तैयारी -

Saturday, November 2, 2024

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Saturday, October 26, 2024

सामाजिक संस्था के प्रतिनिधियों ने वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह से की जन संवाद -

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पहचान : पवई की समाज सेविका अंजू सिंगरौल ने वितरण किए आदिवासी बच्चों को जूते चप्पल -

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Tuesday, October 22, 2024



युवा इंजीनियर भीख मांगते बच्चों का भविष्य बनाने के लिए कर रहा पदयात्रा, जानिए ख़बर

रुद्रप्रयाग। सड़कों पर भीख मांगते बच्चों को लगभग हम रोज ही देखते हैं। कई लोग उन्हें कुछ पैसे देते हैं तो कुछ लोग ऐसा न करने की नसीहत देकर चलते बनते हैं। वहीं, कुछ लोग उनकी इस हालत के लिए सरकार को कोसते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि लगभग हर प्रदेश में भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर विभाग भी हैं और योजनाएं भी। इतना ही नहीं ज्यादातर शहरों में भिक्षुक गृह भी बने हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर खाली ही हैं। ऐसे में दिल्ली के युवा इंजीनियर आशीष शर्मा ने बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए एक अनोखे अभियान की शुरुआत की है। आशीष पूरे देश में 17 हजार किलोमीटर की पदयात्रा कर इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आशीष शर्मा ने बताया कि वह कक्षा छह से ही वृद्धाश्रम जा रहे हैं। जल्द ही उन्हें अहसास हो गया कि इस समस्या की जड़ बच्चों में ही है। अगर बच्चे ही खुश नहीं होंगे तो बुजुर्ग कैसे सुखी रह सकेंगे। सड़कों पर हजारों बच्चे भीख मांगते दिख जाते हैं, लेकिन कोई उनके लिए कुछ नहीं करता है। वे उनके लिए कुछ करना चाहता थे। लेकिन पता था कि व्यक्तिगत रूप से 50 से 100 बच्चों से मिल सकते हैं, इसलिए आशीष ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी युवा पीढ़ी को जोड़ने की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि मैकेनिकल इंजीनियर से पढ़ाई करने के बाद अपने वन गो वन इम्पैक्ट को पूरा करने के लिए जॉब छोड़ दी और बीती 22 अगस्त 2017 से अपने सपने को पूरा करने के लिए पदयात्रा पर निकले। अशीष अब तक पहले चरण मे 4,219 किलोमीटर से ज्यादा चल चुके हैं। दुआएं फाउंडेशन के तहत 17 हजार किमी की पदयात्रा को आशीष ने उनमुक्त भारत का नाम दिया है। इस अभियान के तहत देश के 29 राज्यों व सात केंद्र शासित राज्यों के 4900 गांवों में बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा। उनका कहना है कि वे लोगों को यह बताना चाहते हैं कि भीख मांगते बच्चों को गाली न दें और शोषण करने के बजाय उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने में मदद करें। अपने इस अभियान के तहत आशीष स्कूल-कॉलेजों के प्रिंसिपल और अधिकारियों से भी मिलकर जागरूकता फैलाने के लिए सहयोग मांग रहे हैं। बाल भिक्षुओं को समाज में शामिल कर एक बेहतर भविष्य देने की कवायद में उनको सहयोग भी मिल रहा है। वह आगामी 14 जून 2018 को उनमुक्त दिवस मनाने की तैयारी कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि इस आयोजन में लोग भीख मांगने वाले बच्चों की बेहतर शिक्षा दिलाने व एक आदर्श समाज बनाने की शपथ लें। आशीष एक मोबाइल एप भी डेवलप कर रहे हैं, जिसकी मदद से पांच किलोमीटर के दायरे में किसी भी बाल भिक्षुक दिखने पर उसकी जानकारी अपलोड की जाए, ताकि आसपास के पुलिस अधिकारी व अनाथाश्रम उस बच्चे की मदद कर सकें। वह अभी तक जम्मू, हिमाचल, पंजाब, हरयाणा, राजस्थान, गोआ, दमन, सिलवासा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश का सफर तय कर चुके है।

 

 

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