ये शख्स कभी खुद रहता था भूखा, आज बारह सौ लोगों का भरता है पेट
नई दिल्ली |अगर मन साफ हो तो कुछ भी कठिन कार्य आसान हो जाती है इसी पठकथा को सत्य किया है अजहर मकसूसी ने , दबीरपुरा पुल हैदराबाद के नीचे हर दोपहर बहुत से लोग साफ सुथरी दरियों पर कतार बांधकर बैठ जाते हैं और अजहर मकसूसी नाम का एक शख्स बारी-बारी से उन सब की थालियों में खाना परोसता है | जानकारी हो कि यह सिलसिला पिछले सात साल से चल रहा है | अजहर मकसूसी की वजह से आज सात स्थानों पर बारह सौ लोग उसकी वजह से एक वक्त भरपेट खाना खाते हैं | अजहर का जन्म हैदराबाद के पुराने शहर के चंचलगुडा में हुआ था अजहर के लिए जिंदगी कभी आसान नहीं रही | चार बरस की उम्र में सिर से पिता का साया उठ गया | भूखों को खाना खिलाने के सिलसिले की जानकारी देते हुए अजहर ने बताया कि 2012 में वह दबीरपुरा रेलवे स्टेशन के करीब से गुजर रहे थे तो उन्होंने एक महिला को बुरी तरह बिलखते हुए देखा | पूछने पर पता चला कि वह पिछले दो दिन से भूखी हैं | लक्ष्मी नाम की इस महिला की हालत देखकर अजहर से रहा नहीं गया और उन्होंने फौरन उसे खाना खरीदकर दिया | कहने को यह एक छोटा सा वाकया था, लेकिन इसने उन्हें बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया | अगले दिन वह अपनी पत्नी से खाना बनवाकर लाए और रेलवे स्टेशन के पास 15 लोगों को खाना खिलाया | पांच भाई बहनों के परिवार को पालने की जिम्मेदारी मां पर आ गई | उन दिनों को याद करते हुए अजहर ने बताया कि नाना के यहां से मदद मिलती थी, लेकिन उनकी और भी बहुत जिम्मेदारियां थी इसलिए कभी दिन में एक बार तो कभी दो दिन में एक बार खाना मिलता था लिहाजा भूख से उनका पुराना रिश्ता रहा | 12 साल की उम्र में उन्होंने ग्लास फिटिंग का काम शुरू किया. उसके बाद कुछ साल टेलरिंग (दर्जी) का काम किया और वर्ष 2000 में तकरीबन 19 बरस की उम्र में प्लास्टर ऑफ पेरिस का काम शुरू किया, जो आज भी उनकी आजीविका का साधन है |