राजकीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर पर केंद्रीय चर्चा हुई
दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हुयी केंद्रीय शिक्षा सलाहकार समिति की बैठक में उत्तराखण्ड की उच्च शिक्षा एवं वित मंत्री डाॅ. इंदिरा हृदेश एवं शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी शामिल हुए। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में की गयी। शिक्षा मंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक गुणवत्ता युक्त बनाने के लिए अपने सुझाव रखे। माध्यमिक शिक्षा मंत्री नैथानी को केंद्रीय शिक्षा सलाहाकार बोर्ड के अंतर्गत सब कमेटी का सदस्य नामित किया गया। इस सब कमेटी में देश के अलग अलग राज्यों के शिक्षा मंत्री सदस्य होंगे। बैठक में डाॅ. इन्दिरा हृदेश ने राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के प्रयासों को जानकारी दी। उन्होंने उच्च शिक्षा को और सुदृढ बनाने के लिए केंद्र से सहयोग की अपेक्षा की ताकिे राज्य उच्च शिक्षा में और अधिक सक्षम हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की स्थिति भी अच्छी है जिसे और उन्न्त बनाने का प्रयास राज्य सरकार की ओर से किये जा रहे हैं जिनके बेहतर परिणाम भी आये हैें। बैठक में उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि देश भर की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए स्वयं केंद्रीय मंत्री को देश भर में जाकर राज्यवार भ्रमण करना चाहिए। ताकि अच्छी शिक्षा नीतियों को अन्य राज्यों में लागू किया जाये व जिन राज्यों की शिक्षा नीतियों में खामी है उनको दूर किया जा सके। नैथानी के सुझाव पर ईरानी ने जल्द सभी प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों से मुलाकात का कार्याक्रम तय किये जाने की बात कही। नैथानी द्वारा पिछली बैठकों में मानव संसाधन मंत्री के समक्ष उठाये गये नाॅन डिटेन्शन पाॅलिसी की पुर्नसमीक्षा के सुझाव पर देश के अन्य राज्यों से आये शिक्षा मंत्रियों ने भी अपनी सहमति जतायी और प्रणाली को सुधारे जाने की मांग की। जिसमें प्रारम्भिक स्तर पर किसी प्रकार की परीक्षा लिये जाने और किसी कक्षा विशेष में छात्र को रोका जाना निषिद्ध है। परीक्षा न होने के कारण कक्षा शिक्षण एवं विद्यार्थियों की प्रगति के आंकलन में उदासीनता भी बढ़ी है। शिक्षा के स्तर, विशेषतः राजकीय विद्यालयों में गिरावट की चर्चायें हो रहीं हैं।