राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की दी शुभकामनाएं
देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। सीएम ने ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पवित्र त्यौहार लोगों को भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं का स्मरण करने और सार्वभौमिक भाईचारे और शांति की भावना को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के जीवन से हमें ज्ञान, कर्म, प्रेम, भक्ति और सद्भावना की प्रेरणा मिलती है। मानव जाति के कल्याण के लिए श्रीमदभगवद् गीता में भगवान श्रीकृष्ण का दिव्य संदेश निहित है। इस संदेश के माध्यम से भगवान में श्रद्धा रखने एवं अंतिम सत्य को जानने का प्रयास करने के साथ ही फल की चिंता किये बिना अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा के साथ पूर्ण करने की सलाह दी गई है। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं और दर्शन आज भी प्रासंगिक हैं और हमें एक सफल जीवन जीने के लिए उनका पालन करना चाहिए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने मनुष्य को निष्काम कर्म के लिए सदैव समर्पित रहने, दीन-दुखियों एवं समाज के उपेक्षित वर्ग के कल्याण तथा अन्याय के विरूद्ध प्रतिकार करने का संदेश दिया है। उनका जीवन सम्पूर्ण मानव जाति के लिए प्रेरणादायी हैं। उत्तराखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश वासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी का पावन पर्व हम सभी को भगवान श्री कृष्ण के महान जीवन चरित्र का स्मरण करने और उनका पालन करने का एक अवसर भी प्रदान करता है। भगवान श्री कृष्ण कर्मयोगी थे। उन्होंने ‘‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन‘‘ का उपदेश दिया। उन्होंने ने मानव को फल की कामना से विरक्त रहते हुए अपना कर्म करने की शिक्षा दी। इसकी आज भी समाज और राष्ट्र को बड़ी आवश्यकता है। हम में से प्रत्येक नागरिक समाज और राष्ट्र के लिए अपना कर्म करे, अपने दायित्वों का निर्वहन करें, एवं भारत वर्ष को और शक्तिशाली तथा समृद्ध बनाने में अपना योगदान दें। भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन के माध्यम से हमारे समक्ष हर तरह का आदर्श प्रस्तुत किया है। यशोदा के कान्हा, देवकी के नंदन, सुदामा के मित्र, बलराम के बंधु, अर्जुन के गुरू और मित्र दोनों ही, द्वारिकाधीश के रूप में महान शासक, राधा के कृष्ण, महान कर्मयोगी, जीवन का हर आदर्श श्री कृष्ण के चरित्र में मिलता है। श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता का उपदेश आज विश्व के श्रेष्ठतम् ग्रंथों में से एक है। मनुष्य जब इस संसार की चकाचैंध से स्वयं को भ्रमित पाता है तो उसे रास्ता दिखाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम श्रीमद भागवद गीता है। राज्यपाल ने कहा कि ‘मेरी प्रभु श्री कृष्ण से प्रार्थना है कि वे देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रत्येक वासी के जीवन में हर्ष-उल्लास और समृद्धि का आशीर्वाद दें‘।