रुद्रपुर हत्याकांड : दोस्त ने ही दोस्त को दी थी जहर, खुलासा
रूद्रपुर। युवक के खाने में जहर मिलाकर उसकी हत्या को अंजाम देने की साजिश का खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतक के ही दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारोपी दोस्त का कहना है कि मृतक उसकी मां पर बुरी नजर रखता था जिसके चलते उसने उसकी हत्या की घटना को अंजाम दिया था। जानकारी के अनुसार बीती 2 मई कोे चौकी सिडकुल पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम छतरपुर में किराये पर रहने वाला एक लड़का अपने कमरे में मृत पडा हैं। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मालूमात किया तो पता चला कि मृतक का नाम पीयूष राणा पुत्र सुनील राणा निवासी श्रीपुर बिचवा थाना खटीमा है। पता चला कि मृतक अशोक लीलेन्ड कंपनी में काम करता था व अपने दोस्त सोनू पुत्र विनोद कुमार निवासी कंजाबाग थाना खटीमा के साथ छतरपुर में किराए के मकान में रहता था। एक दिन पूर्व ही मृतक का दोस्त सोनू अपने घर खटीमा गया हुआ था तथा मृतक का दोस्त अभिषेक राना पुत्र स्व. पूरन सिंह निवासी चारुबेटा (मंदिर वाली गली)उसके साथ रात में कमरे में रुका था। मृतक के कमरे की तलाशी ली गई तो उसके कमरे से पुलिस ने मृतक के सामान के अलावा एक शीशी व एक एविल इंजेक्शन तथा बर्तनो में पका हुआ खाना दाल और चावल बरामद किये। मौके पर मिले इंजेक्शन, शीशी तथा पके हुए दाल व चावल को पुलिस द्वारा कब्जे में लिया गया तथा शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया। पोस्टमार्टम में भी मृतक पीयूष राणा की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो सका तथा मृतक का विसरा संरक्षित किया गया। घटना के सम्बंध में मृतक के परिजनो एवं दोस्त सोनू व अभिषेक सहित कई लोगो से पूछताछ की गई किंतु किसी के भी द्वारा कोई लाभप्रद जानकारी नहीं दी गई। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई पीयूष राना की मृत्यु के सम्बंध में कोई साक्ष्य उपलब्ध न होने की दशा में भी पुलिस द्वारा मृतक का बिसरा एवं कमरे से बरामद शीशी, इंजेक्शन तथा पके हुए दाल चावल परीक्षण हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया। जिसकी परीक्षण रिपोर्ट में मृतक के खाने में जहर होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद पुलिस द्वारा एक बार फिर अभिषेक राना से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा अपना जुर्म कबुल कर बताया कि उसके द्वारा ही पीयूष राणा के खाने में जहर मिलाया गया था। बताया कि वह मृतक पीयूष राना को पिछले 2 वर्ष से जानता था। पीयूष उसके घर पर भी आता जाता रहता था। तथा पीयूष की अभिषेक की मां पर गलत नजर थी। यह बात अभिषेक को बुरी लगती थी। अभिषेक ने पीयूष को कई बार इस बारे में समझाया था लेकिन वह नहीं माना। जिस पर उसने 1 मई को घर से ही जहर लाकर उसके खाने में मिला दिया तथा खुद नहीं खाया। जिसके बाद पीयूष की मौत हो गयी थी। घटना को करीब ढाई माह बीत जाने के बाद आरोपी अभिषेक निश्चिन्त हो चुका था कि वह अब नहीं फँसेगा किन्तु पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में हुई पीयूष की मृत्यु का राज जानने के लिए अपनी जाँच जारी रखी तथा फोरेन्सिक सांइस की मदद से आरोपी के विरुद्ध ठोस साक्ष्य जुटाए और गिरफ्तार किया गया है।