लोकतांत्रिक निर्वाचन प्रक्रिया में पेड न्यूज का असर बढ़ना चिंताजनक
सुभाष रोड स्थित एक होटल में निर्वाचन विभग, सूचना विभाग तथा पी.आर.एस.आई. देहरादून चैप्टर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला ‘‘Media Ethics In Coverage of Electoral Process & Menace of Paid News’’ का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी, निदेशक भारत निर्वाचन आयोग धीरेन्द्र ओझा, सचिव सूचना विनोद शर्मा द्वारा दीपप्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए निदेशक भारत निर्वाचन आयोग धीरेन्द्र ओझा ने कहा कि निर्वाचन में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत निर्वाचन आयोग मीडिया को अपने सहयोगी के रूप में देखता है और मीडिया को अपनी आँख एवं कान समझता है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक प्रत्याशी के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जाती है, जिसका उपयोग मीडिया द्वारा भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक पक्ष है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पेड न्यूज का प्रचलन बड़ रहा है, जिससे प्रिंट, इलैक्टांनिक एवं सोशल मीडिया भी अछूता नही है। उन्होंने कहा कि मीडिया को स्वयं इस बात का निर्धारण करना होगा कि वह पेड न्यूज के दायरे मे न आये। उन्होंने कहा कि पेड न्यूज के संबंध में पी.सी.आई. (प्रेस काउंसिल आॅफ इंडिया) द्वारा भी दिशा-निर्देश जारी किये गये है, जिनका अनुपालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। प्रिंट मीडिया के लिए पी.आर.बी. एक्ट की विभिन्न धाराओं तथा इलैक्टांनिक मीडिया के लिए NBSA (News Broadcasting Standards Authority) द्वारा भी दिशा-निर्देश निर्धारित किये गये है। उन्होंने कहा कि मीडिया से यह भी अपेक्षा की जाती है कि उनके द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो। उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा सभी चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को जनता के मध्य प्रचार प्रसार में समान अवसर दिये जाने चाहिए, ताकि योग्य प्रत्याशी को नेतृत्व का मौका मिल सके। प्रत्याशी द्वारा मतदान दिवस के पूर्व 48 घंटे में किसी भी प्रकार का प्रचार प्रसार नहीं किया जाना चाहिए। निदेशक भारत निर्वाचन आयोग ओझा ने कहा कि मीडिया द्वारा इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, कि विज्ञापन व पोस्टर के प्रकाशन में प्रकाशक व प्रिंट करवाने वाले का नाम अवश्य हो। साथ ही इसके विषय में जिला निर्वाचन अधिकारी को भी जानकारी उपलब्ध करवायी जानी चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के संचालन में उत्तराखण्ड का अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में शांतिपूर्वक एवं निष्पक्ष ढंग से निर्वाचन प्रक्रिया को संपन्न कराने का रिकार्ड रहा है। उन्होंने कहा कि पेड न्यूज में भी हमारे राज्य में मात्र 5 मामले ही प्रकाश में आये है। रतूड़ी ने कहा कि पेड न्यूज एवं अन्य किसी भी प्रकार के सुधार संबंधी मामले में निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ही लिया जाना होता है। आज की कार्यशाला में प्राप्त होने वाले सुझाव एवं विचारों को भारत निर्वाचन आयोग भेजा जायेगा। सचिव सूचना विनोद शर्मा ने कहा कि हमारे देश में निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से अब तक काफी सुधार हुए है। विगत वर्षों की अपेक्षा वर्तमान समय में मीडिया का योगदान बड़ा है। आज हम देखते है कि मीडिया को निर्वाचन प्रक्रिया में पूरी स्वतंत्रता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि पेड न्यूज पर पूर्णताः रोक लगाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया को जनहित में ही समाचारों का प्रदर्शन करना चाहिए। इस प्रकार की कार्यशाला से कुछ अच्छे सुझाव भी प्राप्त हुए है। कार्यशाला का शुभारंभ में स्वागत भाषण देते हुए अपर निदेशक डाॅ. अनिल चन्दोला ने कार्यशाला के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज इस कार्यशाला का उद्देश्य निर्वाचन प्रक्रिया की मीडिया कवरेज के दौरान पेड न्यूज की किस प्रकार की चुनौतियां सामने आती है, इस पर चर्चा करना है। वर्तमान परिपेक्ष्य में हमारी लोकतांत्रिक निर्वाचन प्रक्रिया में पेड न्यूज का जो असर बढ़ रहा है, वह चिंताजनक है। मजबूत लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि मीडिया भी निष्पक्ष होकर निर्वाचन संबंधी कवरेज करे। मीडिया की तरफ से भी इस ओर सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा की जाती है। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। इसलिए मीडिया की जिम्मेदारी और भी अधिक हो जाती है कि वह निर्वाचन प्रक्रिया में अपना पूरा सहयोग प्रदान करे। पेड न्यूज आज एक व्यावसायिक गतिविधि का हिस्सा बनकर रह गया है, जिसे हतोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में विचार रखते हुए उप निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान डाॅ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान समय में पेड न्यूज का चलन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया का चलन सबसे ज्यादा हो रहा है। इसके लिए दिशा-निर्देश तय किये जाने की भी आवश्यकता है। डाॅ. उपाध्याय ने पेड न्यूज से संबंधित कुछ सुझाव भी प्रस्तुत किये। इसके बाद कार्यशाला में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा सवाल जवाब किये गये। जिनका उत्तर निदेशक भारत निर्वाचन आयोग तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिये गये। कार्यशाला के समापन में पी.आर.एस.आई. देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष विमल डबराल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डबराल ने कहा कि आज की यह कार्यशाला काफी सार्थक रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी पी.आर.एस.आई. इस प्रकार की गतिविधियों को संचालित करेगा। इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी.षणमुगम, मुख्य विकास अधिकारी बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक सूचना राजेश कुमार, आशिष कुमार त्रिपाठी, उप निदेशक सूचना के.एस.चैहान, नितिन उपाध्याय, पी.आर.एस.आई. देहरादून चैप्टर के सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र भट्ट, हेम प्रकाश, विकास आदि उपस्थित थे।