वर्तमान जीवनशैली बढ़ा रहे हैं दिल की बीमारियां
देहरादून। दिल के रोग दुनिया भर में बीमारियों और छोटी उम्र में मौत का प्रमुख कारण बन रहे और इस वजह से हर साल तकरीबन 17.5 मिलियन मौतें हो जाती हैं। भारत जैसे विकासशील देशों में इस बीमारी बेहद खतरा है क्योंकि यहां की आबादी बहुत घनी है और सामाजिक, आर्थिक और क्षेत्रीय विभिन्ना काफी है। अनुमान के मुताबिक 2025 तक 69.8 मिलीयन पीडि़तों के साथ भारत दिल के रोगों के मामले में दुनिया की राजधानी बन जाएगा। तेज़ी से फैलती इस बीमारी का कारण जीवनशैली की अनियमितताएं हैं। इस बीमारी के बारे में जागरूकता के लिए देहरादून में पहली बार भारतीय-जापानी साझेदारी की गई है। इस पहल के तहत फोर्टिस एस्कोर्ट हाॅस्पिटल देहरादून के डा. योगेंद्र सिंह और मास्तुबारा तोकूशुकई हाॅस्पिटल जापान के डाॅ. केजी कवाजीरी द्वारा फोर्टिस एस्कोर्ट हाॅस्पिटल में दो दिनों तक दिल के मरीजों का संयुक्त रूप से इलाज किया जाएगा। सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में फोर्टिस एस्कोर्ट हाॅस्पिटल देहरादून के वरिष्ठ कंसल्टेंट इंटरवेंशनल काॅर्डियाॅलाॅजिस्ट डा. योगेंद्र सिंह ने कहा कि छोटी उम्र में दिल के रोग होने का कारण हमारी आधुनिक जीवनशैली है। छोटी उम्र में तंबाकू की लत, बेतरतीब जीवनशैली, खान-पान की खराब आदतें और अत्यधिक तनाव इसकी वजह हैं। मेरे 30 प्रतिशत मरीज 40 साल से कम उम्र के हैं। पिछले एक दशक मे उतराखंड में दिल के रोगों के मामले दोगुने हो गए हैं। दिल की बीमारियों के मामले जापान में बहुत कम पाए जाते हैं और हमें इस देश से यह प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।