विपक्ष ने किया गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सदन में जमकर हंगामा
देहरादून। विधानसभा के बजट सत्र तीसरे दिन गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के मसले पर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। उन्होंने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया और वेल में आकर नारेबाजी की। इस दौरान कुछ विधायक धरने पर भी बैठे। उनकी मार्शल के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। हंगामे के चलते चार बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी, जिस कारण प्रश्नकाल नहीं हो पाया। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने दिनभर के लिए सदन का बहिष्कार कर दिया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश समेत कांग्रेस विधायकों ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का मसला उठाते हुए इस पर नियम-310 के तहत चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि भुगतान न होने के कारण गन्ना किसान खासे परेशान हैं। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि इस विषय पर प्रश्न लगे हैं और सरकार इनका उत्तर देगी। सरकार गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर गंभीर है। पीठ की ओर से भी कहा गया कि गन्ना किसानों से संबंधित दो अल्पसूचित प्रश्न हैं। अन्य प्रश्न भी महत्वपूर्ण हैं। पीठ ने इस विषय को नियम 58 की ग्राह्यता में सुनने की बात कही। लेकिन कांग्रेस विधायक नहीं माने और वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। परिणामस्वरूप विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद 11.45 बजे स्थगन की अवधि 10 मिनट और फिर 12.10 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके बाद कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा प्रारंभ कर दिया। कांग्रेस विधायक हाथों में गन्ने के टुकड़े लेकर वेल में आए और नारेबाजी करने लगे। वे पीठ से विनिश्चय की मांग भी करने लगे। पीठ से कहा गया कि विनिश्चय पहले दिया जा चुका है कि इस विषय को नियम 58 की ग्राह्यता पर सुन लिया जाएगा। कांग्रेस विधायक नहीं माने और हंगामा जारी रखा। इसी बीच आगे बढने को लेकर उनमें और मार्शल के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। हंगामे के मद्देनजर कार्यवाही 12.20 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही कांग्रेस विधायक भी सदन से उठकर चले गए और उसके बाद सदन में नहीं आए। उन्होंने विस परिसर में हाथों में गन्ने लेकर प्रदर्शन भी किया। इसके पश्चात सदन की कार्यवाही विपक्ष की गैरमौजूदगी में ही चली।