श्रद्धापूर्वक मनाया गया गुरुनानक देव का 549वां प्रकाश पर्व
देहरादून। सिखों के प्रथम गुरू गुरूनानक देव का 549वां पावन प्रकाश पर्व गुरूद्वारा रेसकोर्स के खुले पंडाल में पूर्ण श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक कथा कीर्तन के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्यां में संगतों ने गुरू को माथा टैककर आशीर्वाद लिया। यहां गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में नितनेम के पश्चात भाई जबरतोड सिंह ने आसा दी वार का सबद जैसा सतगुर सुनी दा तैसो ही मैं ढीट, भाई सतवंत सिंह ने सबद सा धरती वे ही हयावली, हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने कहा कि गुरूनानक देव ने संसार में जात, पात जैसी कुतियों को दूर किया। गुरूजी ने समाज से अंधविश्वास को दूर कर सांजी वाल्ता का संदेश दिया। भाई वजीर सिंह ने सबद धन नानक ते बडी कमाई तथा भाई गुरमुख सिंह ने सबद बिन गुर पूरे नहीं उधार, बाबा नानक आख्ये ए विचार, का गायन कर संगतों को निहाल किया।
इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने भी सबद गायन कर संगतों को निहाल किया। भाई देवेन्द्र सिंह ने सबद दुख भंजन तेरा नाम जी का गायन कर संगतों को निहाल किया। सिख एजुकेशन सोसाईटी ने पढाई में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। यूनाईटेड सिख फेडरेशन के सहयोग से गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा ने पौधे वितरण कर धरती, प्रकृति, पर्यावरण, स्वास्थ्य, परिवार व सुखद परिवार का संदेश दिया। सिख सेवक जत्था, बेबे नानकी सेवक जत्था, गुरू घर की क्लास, गुरमत प्रचार सभा एवं गुरू तेगबहादुर अस्पताल के सेवादारों ने प्रकाश पर्व मनाने में अपना पूर्ण रूप से सहयोग दिया। गुरमत केन्द्र एवं केन्द्रीय सिंह सभा, धर्मप्रचार कमेटी ने अमृत संचार किया जिसमें सरदार बिजेन्द्रपाल सिंह, हरपाल सिंह सेठी व संजय सिंह ने अपना सहयोग दिया। मंच का संचालन हरविन्दर सिंह मंगा ने किया। गुरूद्वारा सिंह सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजन, महासचिव गुलजार सिंह, उपाध्यक्ष जगमिन्द्र सिंह छाबडा, गुरमीत सिंह दुग्गल, सुरजीत सिंह, मंजीत सिंह, गुरदीप सिंह टोनी, हाजन सिंह आनंद, फूला सिंह, बलवीर सिंह साहनी, सेवा सिंह मठारू, सतनाम सिंह, हरचरण सिंह चन्नी, डी पी सिंह, मनमीत सिंह, गुरनाम सिंह, सतपाल सिंह, गुरदीप सिंह सहोता आदि ने अपना सहयोग दिया। सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, सुनील उनियाल गामा, डीआईजी पुष्पक ज्योति, बलजीत सिंह सोनी, सूर्यकांत धस्माना, इन्दरपाल सिंह कोहली आदि को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के पश्चात हजारों की संख्या में संगतों ने गुरू का लंगर छका।