‘स्लो मोसन किंग’ राघव जुयाल और मुक्ति मोहन दून दौरे पर, अर्जेंटीना के अनुभव सुनाए
देहरादून। हर रोज बीते कल की तुलना में और भी अधिक ताकतवर होकर उठे, अपने डर का सामना करें और आंयुओं से लड़ें। खतरों के खिलाड़ी कभी पीड़ा कभी कीड़ा के इस सीजन में सभी प्रतिभागियों के लिए एकमात्र लक्ष्य यही है। लेकिन दो प्रतिभागी राघव जुयाल और मुक्ति मोहन ने इसका खूब आनंद लिया क्योंकि उन्होंने देहरादून में अपनी यात्रा के दौरान अपने सफर के अनुभव सुनाए। दोनों प्रतिभागियों ने अर्जेंटीना में शूटिंग और अपने डर से लड़ने के दौरान खतरों के खिलाड़ी के अतुल्य सफर में हिस्सा बनने से हुए अनुभव सुनाए। हैरतअंगेज ढंग से अपने सभी डर से पानी के नीचेे असंख्य सांस रोकने वाले पल बिताने के साथ खतरों के खिलाड़ी कभी पीड़ा कभी कीड़ा का यह सीजन ऐसे रोमांचक पल पैदा करेगा जो दर्शकों को वन्स मोर वन्स मोर कहने के लिए विवश कर देंगे। राघव जुयाल और मुक्ति मोहन ने देहरादून का दौरा किया जहां वे कलर्स गोल्डन पेटल क्लब के पर्व में भी शिरकत करेंगे। वे वहां अपने प्रशंसकों के साथ बात भी करेंगे तथा अपने अनुभव सुनाएंगे और उन प्रेरणाओं के बारे में बात करेंगे जो उन्हें अपने डर से लड़ने में समर्थ बनाते हैं। कलर्स गोल्डन पेटल क्लब दर्शकों से जुड़ने की पहल है जो चैनल और दर्शकों के बीच संबंध को मजबूत करती है। शहर की यात्रा के अपने अनुभव के बारे में राघव जुयाल ने कहा कि खतरों के खिलाड़ी सपने के सफर जैसा था और इस तथ्य ने रोमांच और बढ़ा दिया कि इसमें हमें कई तरह के स्टंट अनुभव करने होंगे। इस धारावाहिक ने मुझे अपने व्यक्तित्व के भिन्न पहलु को दिखाने का मौका दिया है तथा इसके साथ ही यह सफर मनोरंजक भी रहा। मुझे उम्मीद है कि हमारी साहस भरी गाथाएं सुनकर देहरादून के लोगों को आनंद आया होगा तथा आषा है कि इससे वे अपनी व्यक्तिगत सीमाओं से बाहर निकलने का उत्साह मिलेगा। मुक्ति मोहन ने बताया कि खतरों के खिलाड़ी मेरे लिए बिलकुल नई चुनौतियां लेने और अपने डर से लड़ने जैसा था। इस धारावाहिक ने मुझे अनेक दोस्त दिए और ऐसी यादगारें दी जो जीवनभर मेरे साथ रहेंगी।