‘सरकार’ दृष्टिहीनों पर कुछ तो दया करें
देहरादून। राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने पिछले दो सालों से लंबित मांगों के समाधन के लिए मुख्यमंत्री के आवास बीजापुर अतिथि गृह के पास प्रदर्शन कर धरना दिया और कहा कि जब तक मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं हो जाती वह यहां से नहीं हटेंगें। इस बीच पुलिस ने वहां पर धरना दे रहे दृष्टिहीन को जबरदस्ती हटाया, और उनके साथ अभद्रता की, जिससे उनमें रोष बना हुआ है, लेकिन इसके बाद भी सभी दृष्टिहीन अपनी मांगों को लेकर वहीं पर डटे रहे। गुरूवार की सुबह यहां संघ से जुड़े हुए दृष्टिहीन अपनी लंबित समस्याओं के समाधन के लिए मुख्यमंत्री के आवास बीजापुर अतिथि गृह के पास पहुुचे और वहां पर प्रदर्शन कर धरना दिया। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्राी से वार्ता नहीं हो जाती वह यहां से नहीं हटेंगें। उनका कहना है कि पूर्व में भी उन्हें आश्वासन दिया गया था लेकिन आज तक इस ओर किसी भी प्रकार के कोई प्रयास नहीं हुए है जो चिंता का विषय है। उनका कहना है कि पिछले दो सालो से उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है जिससे उनमें रोष बना हुआ है। उनका कहना है कि राज्य स्थापना की तिथि से समस्त भर्तियों में दृष्टिहीनों के लिए आरक्षित एक प्रतिशत नौकरियों की सरकारी सेवाओं गणना रकते हुए बैकलाॅग तैयार किया जाये और समस्त बैकलाॅग को दृष्टिहीन व्यक्तियों द्वारा यथा शीघ्र भरा जाये। उनका कहना है कि सरकारी सेवाओं में नियुक्ति एवं पदोन्नाति में दृष्टिहीन अभ्यर्थियों को सुगम स्थनों पर पद स्थापित किया जाये और वर्तमान में दुर्गम स्थानों पर कार्यरत दृष्टिहीन कर्मचारियों को सुगम स्थानों पर स्थानांतरित किया जाये। उनका कहना है कि राज्य में सेवारत दृष्टिहीन अध्यपकों को उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों की भांति वाचक भत्ता अनुमन्य किया जाये। राज्य के शत प्रतिशत विकलांग सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन में नियत परिवार भत्ता अनुमन्य किया जाये, जैसा की छठे वेतन आयोग की सिपफारिशों के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने किया है। उनकी समस्याओं का तत्काल प्रभाव से समाधान किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि उनकी ग्यारह सूत्री मांगे है जो पिछले दो वर्षों से लंबित है। इस अवसर पर प्रदर्शन करने वालों में विनोद बिष्ट, प्रभुदयाल तरूनी, विकास कुमार, दीपिका वर्मा, नेहा, पूनम, सुनील कुमार, अमित भंडारी, अनिल मंडोला, अमित चैहान मीनाक्षी आदि मौजूद थे।