‘सरकारी’ निर्माण कार्यों में समय सीमा होगी तय
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए की निर्माण कार्यों में एक समय सीमा तय की जाय। जन समस्याओं के निदान हेतु सचिवालय में मिलने वालों के लिए एक दिन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने निर्देश दिए की प्रभारी मंत्री एवं प्रभारी सचिव अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण करेंगे। प्रभारी सचिव एवं मंत्री के दौरे के समय उन क्षेत्रों में जनता मिलन का कार्यक्रम भी रखा जाए। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।मुख्यमंत्री रावत ने सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय के समस्त अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिए एक समय सीमा तय की जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य के सभी अधिकारी व कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित हो इसके लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सचिवालय एवं सभी विभागों की कार्यप्रणाली को बदलने पर बल देते हुए कहा कि फाईल प्रोसेस को छोटा किया जाना चाहिए। किसी भी फाइल को 4 स्तरों से अधिक स्तर पर ना गुजरना पड़े, इसका विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। इसके लिए ई-फाइलिंग की शुरुआत की जाए। साथ ही फाइल ट्रेकिंग सिस्टम को लागू किया जाए। किसी भी फाईल की किसी भी स्तर पर एक निश्चित समय-सीमा तय की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अभी बहुत विकास होना बाकी है, इसके लिए सबसे पहले जिला चिकित्सालयों को सुदृढ़ किया जाए। स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के प्रचार प्रसार में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि दूरस्थ क्षेत्रों में जहां पर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं है कैंप लगाकर एवं मोबाइल चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं अनुश्रवण किया जाय, साथ ही भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही नमामि गंगे, स्वच्छ भारत मिशन, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आदि योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द बर्द्धन, अमित नेगी एवं सुश्री राधिका झा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।