सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर दिया जाए : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में समाज कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाए जिससे लाभार्थियों को अधिक से अधिक फायदा मिल सके । मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज कल्याण की विभिन्न पेंशन योजनाओं के लिए लाभार्थियों के चिन्हीकरण के लिए पूरी पारदर्शिता अपनाई जाए। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं, छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जाति के बीपीएल व निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान के बारे में विस्तार से जानकारी ली। बैठक में जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रदेश के 441264 लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन, 157246 को विधवा पेंशन, 75389 को दिव्यांग पेंशन 24481 को किसान पेंशन व 3910 को परित्यक्त पेंशन से लाभान्वित किया गया है। 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी वर्गों के बीपीएल परिवारों के वृद्धजनों को 1 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से पेंशन दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी वर्गों की निराश्रित बीपीएल विधवाओं को भी 1 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से पेंशन दी जा रही है। 18 वर्ष से अधिक आयु के 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले सभी वर्गों के बीपीएल श्रेणी वाले परिवारों के दिव्यांगजनों को 1 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से दिव्यांग पेंशन दी जा रही है। दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत तीलू रौतेली दिव्यांग पेंशन, बौने व्यक्तियों को पेंशन योजना में 1 हजार रूपये प्रतिमाह पेंशन तथा जन्म से 18 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों को 700 रूपये प्रतिमाह दिव्यांग भत्ता भी दिया जा रहा है। किसान पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु एवं 02 हेक्टेयर तक स्वयं की भूमि पर खेती करने वाले किसानों को प्रतिमाह 1 हजार रूपये की दर से किसान पेंशन दी जा रही है। किसान पेंशन योजना पूर्णतः राज्य सरकार द्वारा संचालित है। उत्तराखण्ड में निवास करने वाली परित्यक्त विवाहित महिला, मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों की पत्नी एवं निराश्रित अविवाहित महिलाएं जो बीपीएल हो, को 01 हजार रूपये प्रतिमाह तथा मानसिक रूप से विक्षिप्त पति अथवा पत्नी को 1200 रूपये प्रतिमाह की दर से भरण-पोषण अनुदान दिया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह ने बताया कि अनुसूचित व पिछड़ी जातियों के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति पहले राज्य स्तरीय पोर्टल के माध्यम से छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में ऑनलाइन दी जा रही थी। अब छात्रवृत्ति का संचालन राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। अब छात्रवृत्ति कोषागार के माध्यम से सीधे छात्रों के बैंक खातों में ऑनलाइन दी जा रही है। 10 दिन के अन्दर बैकलाॅग का वर्ष 2017-18 की छात्रवृत्ति का भुगतान ऑनलाइन किया जायेगा। इसके लिए ब्रिज साफ्टवेयर बनाया गया है। बैठक में बताया गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में 16.90 प्रतिशत अल्पसंख्यक लोग हैं। अल्पसंख्यक कल्याण के तहत प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति के तहत 1 लाख से कम वार्षिक आय वाले अभिभावकों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। इसके तहत इस वित्तीय वर्ष में 14162 छात्रों को 4 करोड़ 50 लाख रूपये की छात्रवृत्ति दी गई। पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के तहत अल्पसंख्यक वर्ग के ऐसे छात्र-छात्राओं जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 2 लाख से कम है को 11 वीं कक्षा से पीएचडी स्तर तक की शिक्षा तथा इण्टरमीडिएट स्तर तक प्राविधिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, केन्द्र सरकार द्वारा शतप्रतिशत छात्रवृत्ति दी जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 1675 छात्र-छात्राओं को 1 करोड़ 21 लाख की छात्रवृत्ति दी गई है। बैठक में निदेशक समाज कल्याण विनोद गिरी गोस्वामी, निदेशक अल्प संख्यक कल्याण धीरेन्द्र सिंह दताल एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।