सीएम ने 14 विकास योजनाओं का किया शिलान्यास
पिथौरागढ़ | मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को राजकीय इण्टर काॅलेज गंगोलीहाट के खेल मैदान में आम जनता से भेंट की तथा जनसमस्याएं सुनी। मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं के निवारण कार्यक्रम में नई पहल करते हुए स्वंय जनता के मध्य जाकर उनकी समस्याओं से रूबरू हुए, मुख्यमंत्री ने जनता को आश्वस्त किया कि उनकी जो भी समस्याऐं होगी उनका शतप्रतिशत निश्चित रूप से समाधान किया जायेगा। उन्होंने मौक पर ही जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश जिलाधिकारी पिथौरागढ़ एवं सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास हेतु अनेक घोषणाएं की जिसमें राजकीय महाविद्यालय गंगोलीहाट का नाम शहीद पवन सिंह सुगड़ा का नाम पर रखे जाने, बेलपट्टी, भेरंग पट्टी, ग्वासीकोट, राईआगर हेतु लिफट पंपिंग पेयजल योजना, गणाई बासुकीनांग पेयजल योजना का निर्माण, पांखू कोटगाड़ी मोटरमार्ग का सुधारीकरण किये जाने, राईआगर-सेराघाट मोटरमार्ग के मध्य विभिन्न स्थानों में काॅजवे निर्माण समेत विभिन्न सड़कों तथा सड़क मार्गों का डामरीकरण किया जाना शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 25.49 करोड़ रूपये की 14 विकास योजनाओं का भी शिलान्यास किया गया। कार्यक्रम संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के 10 माह पूर्ण होने जा रहे है इन 10 माहों में प्रदेश में भ्रष्टाचार को पूर्णतः समाप्त करने में सरकार सफल रही है, उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना है। इस मुहिम को सफल बनाने में सभी से भागीदारी निभाने की उन्होंने अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि को भी स्वरोजगार का प्रभावी माध्यम बनाने के लिय सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की गयी है, किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुना किये जाने के उद्देश्य से 2 प्रतिशत ब्याज दर पर एक लाख तक का ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है, वर्तमान तक पूरे प्रदेश में एक लाख 40 हजार किसानों को यह ऋण दिया जा चुका है जनपद पिथौरागढ़ में अभी तक तीन हजार किसानों को यह ऋण दिया गया है इसे और अधिक बढ़ाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को ओर अधिक सुदृढ़ किये जाने हेतु प्रत्येक महाविद्यालय में प्राचार्य नियुक्त करने के साथ ही शिक्षकों की तैनाती हेतु प्राचार्य को अधिकार दिये गये है। उन्होंने प्रदेश में बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने के सम्बंध में अवगत कराया कि पूर्व में प्रदेश में सरकार द्वारा मात्र 15000 रू0 फीस लेकर चिकित्सक बनाये गये थे परन्तु उनके द्वारा सेवा शर्तों के अनुरूप प्रदेश में अपनी सेवा न देकर प्रदेश से बाहर सेवा दे रहे ऐसे चिकित्सकों को उत्तराखंड में चिकित्सा सेवा मुहैया कराये जाने का नोटिस दिया गया है जिसमें से 150 चिकित्सक शीघ्र ही प्रदेश में अपनी सेवाएं देगें। इसके अतिरिक्त 2200 चिकित्सकों के प्रदेश में सेवा देने हेतु आवेदन प्राप्त हुए है जिन के साक्षात्कार की कार्यवाही चल रही है शीघ्र ही प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में चिकित्सक तैनात हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही 500 नर्सों की भी भर्ती की जायेगी। इसके अतिरिक्त सभी जनपदों 108 सेवा के नये वाहन उपलब्ध कराये जा रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सैन्य एवं अद्र्वसैन्य बल में तैनात वीरसपूत के शहीद होने पर उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में नौकरी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के अन्तिम व्यक्ति के विकास हेतु पूरी संवेदनशीलता से कार्य कर रही हैं।