सेंट थाॅमस काॅलेज का शताब्दी समारोह प्रारम्भ
विद्यालय की ओर से शताब्दी वर्ष 2016 का कैलेण्डर जारी किया गया
देहरादून। सेंट थाॅमस काॅलेज के शताब्दी समारोह का शुभारम्भ किया गया। आज सेंट थाॅमस काॅलेज ने अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर दिए हैं। इस मौके पर विद्यालय की ओर से शताब्दी वर्ष (2016) का कैलेण्डर भी जारी किया गया। प्रिंसिपल आरवी गार्डनर ने विद्यालय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज जो स्कूल एक ईमारत के रूप में दिखाई दे रहा है, उस स्कूल का आरम्भ मात्र तीन कमरों के स्कूल से किया गया था। सौ वर्ष पूरे करना स्कूल की बहुत बड़ी उपलब्धी है। गार्डनर ने पूर्व प्रधानाध्यापकों को धन्यवाद दिया, जिनके सहयोग से एक ऐसे विद्यालय की स्थापना की गई, जहां बच्चों को शिक्षा को दी जाती है साथ में उनके व्यक्तित्व व चरित्र को भी निखारा जाता है। शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल को उन्नति की ओर ले जाने में उनके स्टाॅफ का भी उन्हें पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। उनके सहयोग के बिना शायद यह सम्भव नहीं था। भविष्य में भी वह अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं में इसी तरह सहयोग की कामना करते हैं, ताकि वह अपने देश को इसी तरह सभ्य नागरिक प्रदान कर देश की उन्नति में सहायक सिद्ध हो। विद्यालय की ओर से शताब्दी वर्ष (2016) का एक कैलेण्डर भी प्रसारित किया गया। जिसमें पूरे वर्ष के कार्यक्रमों का ब्यौरा दिया गया है। कार्यक्रम का आरम्भ सर्वधर्म प्रार्थना से किया गया। उसके माध्यम से यह संदेश देने की चेष्टा की जायेगी कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं, धर्म व जाति मानव को अलग नहीं कर सकती। मानवता हमारा धर्म है। विद्यालय की 100वीं वर्षगांठ पर विद्यालय के सौ छात्र व छात्राएं वृद्धों, निर्बल तथा असहाय लोगों की सहायता एवं सेवा हेतु सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहेंगे। विद्यालय के भूतपूर्व छात्र भी इस शुभ अवसर पर दून घाटी को सुन्दर बनाने का प्रयास करेंगे तथा यातायात के साधनों को भी सुधारने की चेष्टा करेंगे। शताब्दी के अवसर पर 100 गुब्बारे तथा एक कबूतर, शान्ति का प्रतीक छोड़ा जायेगा। गुब्बारे छोड़कर ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि जिस तरह ये गुबारे आकाश की ऊंचाइयों को छूने का प्रयास कर रहे हैं, वैसे ही विद्यालय भी निरन्तर उन्नति करें। इस अवसर पर सौ वर्ष अर्थात शाताब्दी का प्रतीक भी प्रसारित किया गया।