स्थापना दिवस पर महिला मंच ने उत्तराखंडी जनमुद्दों पर की चर्चा
देहरादून। उत्तराखंड महिला मंच ने महिला संसद बिठाकर उत्तराखंडी जनमुफ्रों पर चर्चा करके व उन पर प्रस्ताव पारित करके अपने 24वें स्थापना सम्मेलन को पूरे जज्बे और उत्साह के साथ मनाया। सम्मेलन की शुरूआत जनगीत से की गई। नगर निगम प्रेक्षागृह में उत्तराखंड महिला मंच ने महिला संसद बिठाकर उत्तराखंड जनमुद्दों पर चर्चा करके व उन पर प्रस्ताव पारित करके अपने 24वें स्थापना सम्मेलन को पूरे जज्बे और उत्साह के साथ मनाया। सम्मेलन की शुरूआत जनगीत से की गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं के जोश ने 1994 के उत्तराखंड आंदोलन में महिलाओं की अपार भागीदारी व कुछ भी कर जाने की जिद की यादें ताजा कर दी । परम्परागत रूप से होने वाले सम्मेलनों के विपरीत इस सम्मेलन में उत्तराखंड की महिलाऐं अपने महिला मुफ्रों व जनमुफ्रों पर कितनी गम्भीरता से सोचती है यह भी इस सम्मेलन से स्पष्ट दिखायी दिया । इस अवसर पर काकोरी कांड के शहीद रामप्रसाद बिस्मिल्ल व अश्फाक उल्ला खां को दी गयी फाद्दसी पर उन्हें याद करते हुए दीप प्रज्जवलन के साथ सम्मेलन शुरू हुआ और महिला मंच की संस्थापक सदस्य कमला पंत द्वारा महिला मंच के पिछले 23 वर्षों में महिलाओं के व उत्तराखंडी समाज के जनमुफ्रों पर मंच द्वारा समय समय पर उठाए गए जनसंघर्षो के इतिहास को याद किया और इस 24वें स्थापना दिवस पर उत्तराखंड में महिलाओं की एकजुटता का संकल्प एवं आहवाहन किया । इस अवसर पर कमला पंत ने कहा हम अब महिला हितों के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे, वहीं गांव सभा व मुहल्ला सभा को अपने स्थानीय राजकाज को संचालन का पूर्ण अधिकार देने की लड़ाई को भी तेज करेंगे क्योंकि गाद्दव सभा व मुहल्ला सभा में ही महिलाओं व आम लोग अपनी बातें को मनवा सकते हैं ।