स्वच्छ भारत मिशन में उत्तराखण्ड राज्य सबसे आगे
स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को 15 अगस्त, 2016 तक प्राप्त कर उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन जायेगा। कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा ने मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन के प्रगति की समीक्षा की। कैबिनेट सचिव ने उत्तराखण्ड सरकार की इस बात के लिए सराहना की कि 15 अगस्त के निर्धारित लक्ष्य को राज्य पूरा कर लेगा। उन्होने भरोसा दिलाया कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्तराखण्ड को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। गंगा के किनारे पड़ने वाले अन्य राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल ने तय टारगेट को हासिल करने के लिए और समय मांगा है।मुख्य सचिव ने कैबिनेट सचिव को आश्वस्त किया कि उत्तराखण्ड भारत सरकार द्वारा निर्धारित 2 अक्टूबर, 2019के लक्ष्य को भी समय से प्राप्त कर लेगा। इसके लिए 613 करोड़ रूपये की जरूरत होगी। कैबिनेट सचिव ने भरोसा दिया कि स्वच्छ भारत मिशन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों को धन की कमी नहीं होने दी जायेगी। गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सभी लोगो के लिए शौचालय की व्यवस्था करनी है। गंगा के किनारे खुले में शौच को पूरी तरह से रोकना है। 52 जनपदों के 251 ब्लाकों की 1651 ग्राम पंचायतें गंगा के किनारे आती है। उत्तराखंड में 7 जनपदों के 30 ब्लाकों की 132 ग्राम पंचायतें गंगा के किनारे हैं। बेसलाइन सर्वे के अनुसार 2,9405 घरों में से 9987 घरों में शौचालय नहीं थे। 7880 घरों में शौचालय बन गये हैं। शेष घरों में शौचालय बनाने का कार्य चल रहा है। 15 अगस्त तक शत प्रतिशत खुले में शौच से मुक्त गांव (ओपेन डिफेकेशन फ्री) हो जायेंगे