स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अमिताभ को भेंट किया रुद्राक्ष का पौधा
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने ’स्वस्थ ग्रह’ द कैंपेन फाॅर हेल्थ इंडिया विथ अमिताभ बच्चन, कार्यक्रम में सहभाग किया। एनडीटीवी, रेकिट बेंकिजर और उनके अन्य कई सहयोगी संस्थाओं ने मिलकर बारह घन्टे के कार्यक्रम का आयोजन किया तथा अमिताभ बच्चन और प्रणव राॅय ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने फिल्म अभिनेता श्री अमिताभ बच्चन के साथ मिलकर सभी विशिष्ट अतिथियों को नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक का संकल्प कराया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हम यहां से संकल्प करंेगेे और जो लोग हमें लाइव देख रहे है वे अपने स्थान पर संकल्प करेंगे निश्चित रूप से इससे एक बड़ा परिवर्तन होगा। वहां उपस्थित विशिष्ट अतिथियों ने कहा कि स्वच्छता, भगवान के साथ जुड़ने का माध्यम भी है। स्वच्छता के लिये जागरूकता की नितांत आवश्यकता है। स्वच्छता को आदत बनाना होगा और इसे सोच में लाना होगा। इस कार्यक्रम में ’स्वच्छ तन-स्वच्छ मन’, स्वच्छ हो भारत हमारा, सिंगल यूज प्लास्टिक पर विस्तृत चर्चा हुई।अमिताभ ने कहा कि स्वच्छ तन-स्वस्थ मन, स्वस्थ भारत मेरा परिचय। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्लास्टिक का उपयोग रोड़ बनाने तथा कचरे का प्रबन्धन विषय पर चर्चा की। जल शक्ति और स्वच्छता सचिव परमेश्वरण अय्यर ने लाइव जुडकर सम्पूर्ण स्वच्छता, वेस्ट टू वेल्थ, गार्बेज सेग्रीगेशन, हैकथाॅन प्रोद्यौगिकी जैसे अनेक विषयों पर प्रकाश डाला। लक्ष्मी नारायण ने कहा देश का स्वास्थ्य ही देश का धन है, नीति आयोग, अमिताभ कांत जी, यूएन पर्यावरण राजदूत अभिनेत्री दीया मिर्जा, राकेश कपूर और अन्य विशेषज्ञों ने प्लास्टिक प्रदूषण, प्लास्टिक का पुनःचक्रण और इसे फिर से उपयोग में लाने की तकनीक के मुद्दों में अपने विचार व्यक्त किये।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने स्वच्छ इन्डिया, के मंच से सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्याओं के समाधान के लिये धर्मगुरूओं के भूमिका पर बात करते हुये कहा कि धर्मगुरू अपने उद्बोधनों और कार्यक्रमों के माध्यम से अपने अनुयायियों को इसके लिये प्रेरित करे तो विलक्षण परिवर्तन होगा इस ओर परमार्थ निकेतन, जीवा बढ़चढ़ कर कार्य कर रहा है। उन्होने कहा कि जब से पीना, खाना और फेंकना की संस्कृति विकसित हुई तब से पर्यावरण अधिक प्रदूषित होने लगा जबकि होना तो यह चाहिये की मेरा कचरा मेरी जिम्मेदारी। एकल उपयोग प्लास्टिक की समस्या के समाधान के लिये चार आई प्रोग्राम इनोवेशन, इम्प्लीमेंटेशन, इनफार्मेशन और इंस्पिरेशन तकनीक को लागू करना होगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ऋषिकेश के चन्द्रभागा नाला और लखनऊ के कुकरैल नाला का जिक्र करते हुये कहा कि जियो ट्यूब तकनीक के माध्यम से पांच दिनों में स्लम प्वाइंट सेल्फी प्वाइंट में तब्दील हो गया। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने एकता अमन यात्रा की सफलता का जिक्र करते हुये कहा कि हम इबादत एक साथ करें या न करे परन्तु अपनी धरती की हिफाजत एक साथ मिलकर कर सकते है यही मिसाल इस यात्रा ने पेश की। उन्होंने कहा कि अब पानी के लिये प्रार्थना होय पानी के लिये, सिंगल यूज प्लास्टिक को न उपयोग करने के लिये, पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिये फतवे जारी हो, प्रार्थनायें हो तो मुझे लगता है कि यह काम बहुत संजीदगी से, संवेदनशीलता से सफल किया जा सकता है। अगर 130 करोड़ लोगों के हाथ जुड़ जाए तो कुछ भी असम्भव नहीं है।