सड़क दुघर्टना में हर साल उजड़ जाता है भारत का एक कस्बा
देहरादून। पूरे देश में हर साल लगभग एक लाख लोग विभिन्न सड़क दुघर्टनओं में अपनी जान गवां देते है। इस तरह हम देखे तो प्रतिवर्ष सड़क दुघर्टनाओं में एक कस्बा उजड़ जाता है।हमें इन एक लाख जिंदगियों को बचाने के लिए खुद भी जागरूक होना होगा और समाज को भी जागरूक करना होगा। यह कहना है देहरादून के सिटी मजिस्ट्रेट डा. ललित नारायण मिश्र का। श्री मिश्र आज यहां सहस्त्रधारा रोड स्थित रायपुर विकास खंड के नागल हटनाला पूर्व माध्यमिक विद्यालय में अभ्युदय वात्सल्यम द्वारा आयोजित एक दिवसीय स्वास्थ्य शिविर और यातायात जागरूकता कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज देश में जिस गति से सड़क दुघर्टनाओं में बढ़ोतरी हुई है वह बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि तीव्र रफ्तार और नशे की लत ने लाखों परिवारों को ऐसा घाव दिया है जो कभी भर नहीं सकता। हमें देश के जागरूक नागरिक के तौर पर इनके प्रति समाज में जनजागरूकता अभियान चलाना चाहिए। इसके साथ ही समाजसेवी संगठनों और नागरिकों में तालमेल बिठाकर यातायात नियमों को पालन करने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने लोगों को सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए कहा कि आज हमें प्रकृति और पर्यावरण के प्रति भी सचेत होने की जरूरत है। यदि हम इनके प्रति संवेदनशील नहीं र्हुए तो अपनी आने वाली पीढ़ियों को शायद एक अच्छी दुनिया न दे पाए। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ठ अतिथि उपस्थित अपर परिवहन आयुक्त श्रीमती सुनीता सिंह ने कहा कि देश में बढ़ रही वाहनों की संख्या के साथ साथ दुघर्टनाएं भी बढ़ती जा रही है। हमारी समृद्धि ही हमारे लिए जानलेवा बन रही है। इसलिए हमको न केवल स्वंय के प्रति बल्कि समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए यातायात नियमों का पालन करना चाहिए और अपने बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज कम उम्र के बच्चे अपने अभिभावकों से मोटर बाईक की मांग करते है और वे उन्हें यह जानते हुए भी अभी इनकी उम्र इसे चलाने की नहीं है फिर भी दिला देते है। जिससे बच्चे स्पीड के चलते दुघर्टना का शिकार हो जाते हैं।