हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, यात्रा शुरू
आज सुबह हेमकुंड साहिब के कपाट खुल गए हैं। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू हो गयी है। सुबह दस बजे कपाट खुले। इसके बाद पहली अरदास शुरू हो गई है। जो बोले सो निहाल के जय घोष के साथ हेमकुंड साहिब के लिए दो हजार सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था गोविंदघाट से गुरुवार को रवाना हुआ था। श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष जनक सिंह एवं उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने पवित्र स्वरूपा पहनाकर जत्थे को रवाना किया। पहले दिन लगभग पांच हजार तीर्थ यात्री हेमकुंड साहिब पहुंचे हैं। सबसे पहले गुरुद्वारे में अरदास की गई, जिसके बाद सबद कीर्तन एवं सुखमनी साहब का पाठ हुआ। सभी श्रद्धालुओं ने गुरुग्रंथ साहब के आगे शीष झुकाकर सुखद हेमकुंड यात्रा की मनौतियां मांगी। शुक्रवार को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के बाद इस बार खिचड़ी एवं चाय प्रसाद दिया गया। गुरुद्वारा कमेटी के उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने बताया कि इस बार यात्रा को लेकर सिख लोगों में खासा उत्साह है। जोशीमठ नगर भारत-तिब्बत की सीमा पर अंतिम नगर पालिका क्षेत्र है, जहां एक बड़ा बाजार है। इसके बाद गोविन्दघाट में छोटा सा बाजार है। गोविन्दघाट से हेमकुड की पैदल चढ़ाई शुरू होती है। 15 किमी का पैदल रास्ता पार कर घांगरिया पहुंचते हैं, जो इस यात्रा का रात्री पड़ाव है। यहां पर 100 से अधिक लाज एवं ढाबे हैं। यहां से अगली सुबह 5 किमी की चढ़ाई पार कर हेमकुंड साहिब पहुंचा जाता है। इसी चढ़ाई वाले मार्ग में अलटाकोटी नामक स्थान में 100 मीटर लंबा ग्लेशियर पसरा हुआ है, जिसे काटकर इसके बीचों बीच से यात्रा के लिए रास्ता बनाया गया है। हेमकुंड में अभी भी ढाई फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है। गोविन्दघाट गुरुद्वारे के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि इस बार पंजाब से स्वंय सेवकों का एक बैंड कपाटोत्घाटन पर हेमकुंड पहुंचा है। बताया कि अभी तक घांगरिया में 400 घोड़े खच्चर एवं गोविन्दघाट पुलना में 350 घोड़े खच्चर पहुंच चुके हैं। बताया कि पिछले कुछ वर्षों से गुरुद्वारे की निस्वार्थ सेवा करने के लिए आर्मी के सीओ कदम एवं सुबेदार मेजर गुरुनाम सिंह को 25 मई को हेमकुंड गुरुद्वारे में सम्मानित किया जाएगा।