एक मन, नेक मन से खेलें होली …..
ऋषिकेश । परमार्थ निकेतन में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के सफलतापूर्वक समापन पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने अधिकारियों, एम्स और अपोलो के चिकित्सक दल, पुलिस, प्रशासन और पत्रकार बंधुओं को धन्यवाद दिया। इसी परिपेक्ष्य में परमार्थ निकेतन में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्रभु की कृपा और सभी के सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इसमें विश्व के 76 देशों के साथ भारत के 20 राज्यों के 1551 योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया। हमारा प्रयास है कि अक्टूबर और नवम्बर माह में चार धाम यात्रा के अवसर पर ‘राष्ट्रीय योग महोत्सव’ का आयोजन किया जाये जिसमें राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभाशाली योगाचार्यों को अवसर प्राप्त होगा। साथ ही इससे उत्तराखंड के पर्यटन में भी वृद्धि होगी और सभी को चारों धामों के दर्शन होंगे, जिससे यहां का व्यापार, प्यार और संस्कार बढ़ेगा। योग प्रेमी योग की धरती से सहयोग करने का संकल्प लेकर जायेंगे। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से हमने सभी को महाकुम्भ हरिद्वार में पधारने हेतु आमंत्रित किया है। कुम्भ के प्रचार-प्रसार के लिये कुम्भ का स्टाल लगाया गया था जिसके माध्यम से लोगों को कुम्भ में सहभाग हेतु पेे्रेरित किया गया। 32 वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव महाकुम्भ को समर्पित होगा। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में 76 देशों से आये योग जिज्ञासु यहां के वातावरण, अध्यात्म और कक्षाओं से अत्यंत प्रभावित होकर अद्भुत अनुभव लेेकर जा रहे है। इस बार हमने योग और ध्यान की कक्षाओ के साथ अध्यात्म और आध्यात्मिक चर्चाओं को विशेष स्थान दिया था उसके सुखद परिणाम हमें प्राप्त हुये। आगामी अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में ईको फ्रेंडली बैंग का उपयोग किया जायेगा ताकि लोगों को और पर्यावरण को कोई नुकसान न हो। साथ ही हम आयुर्वेद, नाड़ी परि क्षण की कक्षाओं का भी आयोजन करेंगे। इस वर्ष भी हमने कुछ कक्षाओं का आयोजन किया था जिससें लोग बहुत प्रभावित हुये। स्वामी जी ने कहा कि करोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि सुरक्षित उपाय करने की जरूरत है। गर्म पानी में उबालकर अद्रक, इलायची, दालचीनी, गिलोय, तुलसी और नीम की पत्तियों का पानी सुबह पीना, हाथ साफ करना और प्राणायाम बहुत जरूरी है। स्वामी जी ने कहा कि हमे सांस चाहिये तो पेड़ लगाना और उनकी सुरक्षा करनी होगी, मास्क पहनने से काम नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल उत्तराखण्ड के साथ हमारी चर्चा हुई है कि जितने भी विश्वविद्यालय है वहां पर वृक्षारोपण किया जाये साथ ही जो भी पार्क खाली पड़े हंै वहां पर भी शहीदों और देशभक्तों की स्मृति में पौधे लगाने हेतु योजना बनायी जा रही है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने देशवासियों को होली की शुभकामनायें देते हुये कहा कि सभी हमारे जवानों के लिये प्रार्थना करें की वे सुरक्षित रहंे और देश की सेवा करते रहें।