उत्तराखंड : एमडीडीए सीलिंग कार्यवाही के विरुद्ध प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
देहरादून | मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा राजपुर रोड पर मसूरी डायवर्सन से लेकर राजपुर तक स्थित कैफ़े और रेस्टोरेंट के संचालको और 500 से अधिक कर्मचारियों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को एक ज्ञापन भेजा गया है। ज्ञापन पर भाजपा राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष ने भरोसा दिलाया है की वह इस ज्ञापन को प्रधानमंत्री तक पहुचाएंगे और इस पर उचित कार्यवाही की जाएगी। इस ज्ञापन में बताया गया हैं कि देहरादून में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा पार्किंग न होने के कारण और अन्य बेबुनियाद कारणो का हवाला देते हुए इन कैफ़े की सीलिंग की गयी है। युवा उद्यमियों का कहना है कि 17 से अधिक कैफ़े के संचालक अन्य प्रदेशो से अपनी नौकरी छोड़कर देहरादून में उद्यमिता और आत्मनिर्भर भारत के प्रोत्साहन पर अपना व्यापार करने देहरादून वापिस आये है और बैंको और विभिन्न स्त्रोतों से कर्ज़ा लेकर व्यापार करने की कोशिश कर रहे है और अभी कई सौ उत्तराखंड के लोगो को रोज़गार दे रहे है परन्तु प्रदेश सरकार और अफसरशाही का उनको कुछ भी साथ नहीं मिल रहा है। ज्ञापन में लिखा गया है कि यह सभी कैफ़े 60 फ़ीट से अधिक चौड़ी सड़क पर निर्मित है और कोई भी गाडी सड़क पर पार्क नहीं होती है। कैफ़े के संचालको का कहना है कि उन्होंने गार्ड भी रखा हुआ है जो पार्किन सही से करवाते है। ज्ञापन देने आये सचालक और करीब 800 के करीब प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर्मचारी मायूस दिख रहे थे और उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि यदि प्रदेश सरकार उनकी मदद नहीं करती और उद्यमिता की तरफ यही रवैया अपनाती है तो उनके पास उत्तराखंड से भारी क़र्ज़ लेकर अन्य प्रदेशो या अन्य देश में जाकर बसने के सिवा कोई और विकल्प नहीं बचेगा। ।इस बात को भी उठाया गया कि मीडिया में विभाग द्वारा या अन्य किसी स्त्रोत द्वारा यह सूचना दी गयी कि कैफ़े अयाशी का अड्डा है जो बिलकुल निराधर है उनका कहना है कि इन कैफ़े और रेस्टोरेंट में विश्वस्तरीय क्यूज़ीन के साथ उत्तराखंडी खाना परोसा जाता है और किसी में भी शराब नहीं परोसी जाती है। यहाँ देहरादून की नहीं बल्कि अन्य प्रदेशो से लोग आते है और यह कैफ़े पूरे भारत में देहरादून की एक अलग पहचान बनाते है। ।युवा उद्यममियों ने कहा है कि वह तो प्रधानमंत्री जी के प्रेरणा पर अपने प्रदेश उत्तराखंड वापिस आये और प्रदेश के अन्य लोगो को रोज़गार भी दिया परन्तु सरकार के इस रवैये से उन्हें सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी। युवा उद्यमियों का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी बात पर प्रधानमंत्री जी संज्ञान लेंगे और उत्तराखंड के युवा उद्यमियों को ज़मीनी स्तर पर रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए मनको में छूट के साथ साथ सुविधाएं भी देंगे।