एतिहासिक पवेलियन फुटबाल ग्राउंड दान देने वाले मानसूमरथ दास इतिहास के पन्नों मे हुए गुम, जानिए ख़बर
देहरादून 22 मई 2020 | देहरादून में जब कभी भी फुटबाल खेल की बात होती है तो पवेलियन फुटबाल ग्राउंड की बात न हो यह सम्भव नही, लेकिन आज तक बहुत से लोग इस ग्राउंड के इतिहास को नही जानते है इसी को लेकर महत्वपूर्ण जमीन और बिल्डिंग को दान करने वाले मानसूमरथ दास जैन की चौथी पीढ़ी के अमित कुमार जैन से देहरादून फुटबाल अकैडमी (डीएफए) के संस्थापक अध्यक्ष और हेड कोच वीरेन्द्र सिंह रावत की बातचीत हुई।
देहरादून बसाने में महत्वपूर्ण योगदान : अमित
अमित कुमार जैन बताते है कि कि कैसे हमारे पूर्वजो ने देहरादून मे आकर देहरादून बसाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान किया था, उन्होंने दर्द बयां करते हुए कहा कि आज हम चौथी पीढ़ी को कोई पूछने वाला नहीं है। हम सभी का कोई नहीं है सुध लेने वाला। वीरेन्द्र सिंह रावत के द्वारा पूछे प्रश्न में अमित कुमार जैन ने बताया कि आज देहरादून में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध फुटबाल ग्राउंड देहरादून को मान सुमरथ दास पवेलियन फुटबाल ग्राउंड को हमारे पूर्वजो ने एक विरासत (दान) मे दिया था। अमित कुमार जैन ने बताया कि प्रथम पीढ़ी 1856 मे सहारनपुर से देहरादून मात्र 12000 रुपये लेकर आये थे और फिर धीरे धीरे देहरादून को बसाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लाला भगवान दास उनके दो पुत्र लाला मान सुमरथ दास और लाला जुगमेदर दास ने अपनी जमीन दान देकर देहरादून को बसाने मे बड़ा योगदान दिया था। अमित कुमार जैन ने बताया इसके बाद लाला मान सुमरथ दास के पुत्र लाला नेमी दास ने 1941 को पवेलियन ग्राउंड देहरादून मे मान सुमरथ मेमोरियल देहरादून फुटबाल लीग का आयोजन किया गया था। जो आज तक भी जिला फुटबाल लीग लाला मान सुमरथ दास मेमोरियल फुटबॉल लीग देहरादून के रूप में कायम है। जानकारी देते हुए अमित कुमार जैन ने बताया कि लाला जुगमेद्र दास के पौत्र प्रीतम सेन ने टाउन हॉल नगर निगम देहरादून को भी दान किया था। उन्हीं के नाम पर जिसका नाम लाला जुगमेद्र दास टाउन हॉल रखा गया है। दूंन हॉस्पिटल का महिला अस्पताल भी लाला जुगमेद्र दास द्वारा दान मे दी गई इनकी ही देन है। आज उनके नाती अमित कुमार जैन को पहली बार उत्तराखंड फुटबाल रत्न अवार्ड 2019 मे नवाजा गया था और उसके बाद आज फिर अमित कुमार जैन को सम्मानित किया गया। वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार का दायित्व बनता है इनकी हर पीढ़ी को सम्मानित करना जिन्होंने जमीन दानकर देहरादून को बसाने मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और लाखो खिलाडियों का भविष्य बनाया है। वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि यही नही इस पवेलियन ग्राउंड ने ही मेरा जीवन बनाया है। जानकारी हो कि वीरेंद्र सिंह रावत पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी, वर्तमान राष्ट्रीय कोच और क्लास वन रेफरी एवं सम्मान के रूप में 5 अंतराष्ट्रीय, 21 राष्ट्रीय और 19 स्टेट अवार्ड से सम्मानित हो चुके है |