अभियान : स्कूलों में बच्चों ने खाई पेट के कीड़े मारने की दवा
देहरादून। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिकारिक तौर पर कृमी नाशक पेट के कीड़े मारने की दवा स्कूलों में बच्चों को खिलाई गई। जिसके तहत स्कूली बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां निशुल्क दी गई। विभागीय अधिकारियों के अनुसार पेट में उत्पन्न होने वाले कृमी को जड़ से खत्म करने के लिए सभी स्कूलों में कीड़े मारने की दवाई खिलाई जा रही है। इस दवा का सेवन 5 से 19 साल तक के बच्चों को कराया जा रहा है। इसका कोई साइडिफेक्ट नहीं होता है। इसका सेवन किसी भी उम्र में किया जा सकता है। यदि कोई बच्चा छूट जाता हैतो उसे 17 अगस्त को दवा दी जायेगी। इस वर्ष में स्कूल न जाने वाले लक्षित बच्चों की कुल संख्या 9 लाख से अधिक बच्चों को कृमि मुक्त किया जा चुका है। राज्य में 45 लाख से अधिक बच्चों को साल 2018 तक कृमि मुक्त किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। इस क्रम में अब तक 26 लाख बच्चों को कृमि मुक्त किया जा चुका है। विभागीय से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखण्ड के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी में 1 से 19 साल तक बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाकर कृमि मुक्त किया जायेगा। मिशन की डायरेक्टर डॉ. अंजली नौटियाल ने बताया कि जिन बच्चों को राष्ट्रीय कृमि दिवस पर कृमि की दवा खिलाने वंचित रह जाते हैं। उन्हें 17 अगस्त को कृमि नाशक एल्बेंडाजोल की गोलिया दी जायेंगी। उन्होंने बताया कि ये दवा कृमि के लिए कारगर साबित होती है। यदि कोई कृमि से पीड़ित किसी भी आयु वर्ग का बच्चा या व्यस्क एल्बेंडाजोल का तीन हफ्ते तक निरंतर सेवन करता है। ऐसे में कृमि से शतप्रतिशत मुक्ति मिल जाती है। कई दवा के सेवन के बाद कृमि ग्रस्ति एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने पर सिर चकराने लगता है। ऐसे में घबराने नहीं चाहिए। दवा पीड़ित पर अपना असर दिखा रही होती है। उन्होंने बताया कि एल्बेंडाजोल का कोई भी व्यक्ति सेवन कर सकता है। इसका कोई साइडिफेक्ट नहीं होता है। यदि किसी के पेट में अधिक कृमि हो तो उसके मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है। इस मौके पर सीएमओ डा. एसके गुप्ता व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।