उत्तराखंड : आजादी के दशकों बाद भी गड़ैता गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया
कालसी । सरकारी तंत्र की उदासीनता के चलते विकासखंड के गड़ैता गांव में आजादी के दशकों बाद भी सड़क नहीं बन सकी है। ग्रामीणों को रोजाना करीब तीन किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर मुख्य मार्ग तक पहुंचना पड़ रहा है। इससे जहां ग्रामीण निराश हैं, वहीं लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है।जौनसार बावर क्षेत्र के कई गांव में न सड़क है, न ही अन्य सुविधाएं। इससे ग्रामीण दिक्कतें उठाने को मजबूर हैं। ऐसा ही कुछ हाल क्षेत्र के गडैता गांव का भी है। यहां, आजादी के दशकों बाद भी ग्रामीणों को सड़क सुविधा नहीं मिल सकी है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन इस गांव के लिए आज तक सड़क नहीं बना पाई। जिससे ग्रामीणों को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। मरीज को अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रामीणों को तीन किमी पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। कृषि उपज मंडी तक पहुंचाने के लिए या तो खच्चर का सहारा लेना पड़ रहा है, या फिर पीठ पर उपज ढोनी पड़ रही है। बताया कि इस सम्बंध में शासन-प्रशासन व विभाग के कई बार चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन, कोई उनकी समस्या के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहा है।