आपदा पीड़ितों की व्यथा सुन रो पड़े सीएम
मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा जनपद पिथौरागढ़ के दैवीय आपदा से प्रभावित बस्तड़ी गांव का निरीक्षण किया गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्र बसतड़ी गांव का भ्रमण कर आपदा प्रभावित क्षेत्र में चल रहे खोजबीन एवं राहत कार्य में भाग लिया इसके बाद मुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।लोगो की समस्याएं सुनने के दौरान सीएम रो पड़े | उन्होंने उनके दुख में शामिल होकर कहा कि पूरा राज्य दुख की इस घड़ी में उनके साथ है। मुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और दुःख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपने भ्रमण के दौरान किये जा रहे रेस्क्यू आपरेशन तथा राहत कार्यों का भी जायजा लिया तथा उक्त संबंध में जिलाधिकारी पिथौरागढ़ से जानकारी लेते हुए उन्हें आवश्यक निर्देश दिये। मुख्यमंत्री रावत ने प्रभावितों से कहा कि आपदा प्रभावितों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ित अगर स्वेच्छा से किराये पर रहना चाहते है तो किराये की धनराशि सरकार द्वारा वहन की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के पशुओं हेतु टीनसैड (गौशाला) का निर्माण किया जायेगा इस हेतु मुख्य अभियंता लोनिवि को निर्देश दिये कि वह आगामी दिनांक 6जुलाई से ही उक्त कार्य करना शुरू करें। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर प्रभावितों के नुकसान की क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि आंकलन पूर्ण होने तक आयुक्त कुमायूं मण्डल अवनेंद्र सिंह नयाल प्रभावित क्षेत्र में ही कैंप लगाकर आंकलन कार्य करेंगे।जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री श्री रावत को अवगत कराया कि प्रा0 विद्यालय सिंगाली कैंप में 9 प्रभावित परिवारों के कुल 39 सदस्यों को रखा गया है, जिन्हें प्रशासन की ओर से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। रेड क्रास सोसाइटी पिथौरागढ़ द्वारा प्रभावितों को राहत सामग्री, जिसमें छाता, टार्च, बाल्टी, मग, बिस्कुट, चायपत्ती, जूस, मोमबत्ती, माचिस, लाइटर के 38 किट वितरित किये। विभिन्न संगठनों की ओर से भी सामग्री वितरित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि ग्रामीणों की स्वेच्छानुसार सुरक्षित स्थान पर इनके विस्थापन हेतु भूमि चयन भी कर लिया जाए और जो परिवार एकदम खतरे की जद में आ गए हैं उन्हें तुरंत ही अन्यत्र स्थान पर विस्थापित कर लिया जाए।