आप नेताओ का सोशल मीडिया पर बहसबाजी उचित नहीं: संजय भट्ट
जबकि पूरी देश में एक नई पार्टी के दावा करने वाली आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लग रहे है की वह भी अब व्यक्ति केन्द्रित पार्टी बनती जा रही है, और योगेन्द्र यादव व प्रशांत भूषण पर फैसला 28 मार्च को राष्ट्रिय परिषद की बैठक में लिया जाएगा, इसी सन्दर्भ में हमने बात की देहरादून से राष्ट्रिय परिषद का प्रतिनिधित्व कर रहे श्री संजय भट्ट से | जिन्होंने सभी सवालो का जवाब बड़ी बेबाकी के साथ दिया |
“पहचान एक्सप्रेस” के मैनजिंग एडिटर दीपक कोठियाल के साथ उनकी बातचीत –
सवाल– सबसे पहला सवाल तो वही जिसका उत्तर पूरा देश जानना चाहता है, केंद्र के नेताओ के आपस में विरोधभासी जो बयान आ रहे है, उसपर आप का क्या कहना है, या इस लड़ाई पर आपके क्या विचार है ?
जवाब– हर परिवार में जन्हा दो लोग आपस में बैठते है, अलग-अलग विचार हो सकते है
सवाल– परन्तु जिस तरह की बाते बाहर निकल कर आ रही है, की अब योगेन्द्र यादव व भूषण को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा उसके बारे में, और ये सवाल इसीलिए पूछा जा रहा है, क्यूंकि आप रास्ट्रीय परिषद के सदस्य भी है?
जवाब– 28 मार्च को दिल्ली में राष्ट्रिय परिषद की बैठक है, ना मैं योगेन्द्र यादव की तरफ हूँ | ना किसी अन्य व्यक्ति के | मैं सिर्फ केजरीवाल और पार्टी के साथ हूँ | और अपना मत वन्ही परिषद की बैठक के दौरान ही रखूंगा |
सवाल – आपको क्या लगता है, इस समय योगेन्द्र यादव-भूषण जो बोल रहे वो सच है, या आशीष खेतान या अन्य जो सोसल मिडिया पर लिख रहे है वो सच है ?
जवाब– आशीष खेतान व अन्य पार्टी के वरिष्ट नेताओ को सोसल मिडिया पर इस तरह की बहस बाजी से बचना चाहिए | और जैसा कहा जा रहा है की योगेन्द्र यादव और भूषण जी पर आरोप है की उन्होंने कोई गलती की है, तो उन पर पार्टी ने कार्यवाही की, वैसी ही कार्यवाही जो दूसरी तरफ से नेता बोल रहे है | उन पर भी की जानी चाहिए |
सवाल– अब आप से उत्तराखंड के परिपेक्ष में सवाल करते है, आप बताइए “आप” का उत्तरखंड में क्या भविष्य देखते है?
जवाब– निश्चित रूप से हम तीसरी शक्ति है, अगर उत्तरखंड में चुनाव लड़े तो आम आदमी पार्टी उभर के आएगी |
सवाल– परन्तु अरविन्द केजरीवाल तो बोल रहे है | अभी सिर्फ दिल्ली पर 5 साल तक ध्यान देना है?
जवाब– ठीक है, अरविन्द जी ने बोला है अभी दिल्ली पर ध्यान देंगे, तो अरविन्द जी दिल्ली पर ध्यान देंगे ही | और जो बाकी कार्यकर्ता है वो अपने अपने राज्यों में संगठन को मजबूत करने में लगेंगे, अगर उत्तरखंड में भी हमारा संगठन मजबूत होता है, तो यंहा भी चुनाव अवश्य लड़ेंगे | जैसे पंजाब में चार सांसद आये है तो वंहा चुनाव लड़ना जरूरी है |
सवाल– आम आदमी पार्टी कितनी सीटो तो उत्तरखंड में चुनाव लड़ेगी?
जवाब– हम 70 की 70 विधानसभाओ पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे |
सवाल– और आपकी कौन सी सिट होगी?
जवाब– मैं चुनाव में दावेदारी पेश नही करूंगा |
सवाल– किसी अन्य की दावेदारी का समर्थन भी नही करेंगे?
जवाब- बिलकुल करेंगे, यदि कोई अच्छा कार्यकर्ता दावेदारी जताता है तो उसका समर्थन करूंगा | यदि नही करेंगे तो कोई भी गलत व्यक्ति टिकट पा जाएगा |
सवाल– देहरादून के कार्यकर्ताओ ने अपने अलग-अलग संयोजक बना रखे है, अब आप ही बता दीजिये असली संयोजक कौन है?
जवाब– आप ही ने सबसे पहला सवाल मुझसे किया की मैं राष्ट्रिय परिषद की बैठक में क्या मत रखूंगा तो आप को पता होना चाहिए मैं वंहा किस हैसियत से जाऊँगा |
सवाल– हमे पता है पर क्या आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओ को नही पता ?
जवाब– पूर्व में जो हमारे संयोजक थे हरीश आर्य जी, उन्होंने कुछ गलत नीतियाँ अपनाई, वो कुछ लोगो को साथ लाये, आज उन्ही लोगो के कारण आपको भी पता है, पार्टी में गुटबाजी बढ़ी है |
सवाल– तो क्या आप हरीश आर्य को देहरादून की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मानते है?
जवाब– नही सिर्फ देहरादून में नही, अन्य जिलो में भी उन्होंने ऐसे ही दो-दो संयोजक बना कर विवाद पैदा किया है |
सवाल – तो उन पर पार्टी कोई अनुशानात्मक कार्यवाही करेगी, जैसे दिल्ली में कर रही है?
जवाब– अब जल्दी है मिशन विस्तार टीम देहरादून आकर नई टीम का गठन करेगी | और वह तय करेगी, क्या कार्यवाही करनी है क्या नही |