आर्थिक रूप से महिलाओं को स्वावलम्बी बनाना जरूरीः सीएम
देहरादून। निदेशालय महिला सशक्तिकरण, प्रेमनगर में आयोजित कार्यक्रम में 13 महिलाओं व किशोरियों को राज्य स्त्री शक्ति ‘‘तीलू रौंतेली पुरस्कार’’से व 20 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य स्तरीय ‘‘आंगनबाड़ी कार्यकारी पुरस्कार’’ से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत नेे 13 महिलाओं व किशोरियों को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया। जबकि 20 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य स्तरीय ‘‘आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार’’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन निदेशालय, महिला सशक्तिकरण, प्रेमनगर में किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाकर ही समाज को आगे ले जाया सकता है। समाज में सुधार के लिए दृढ़ संकल्प शक्ति व त्याग की भावना आवश्यक है। उत्तराखण्ड में पर्यावरण संरक्षण, समाज सुधार से लेकर राज्य निर्माण में मातृ शक्ति की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है। तीलू रौतेली पुरस्कार समाज के लिए सर्वस्व त्याग करने वाली हमारी माताओ व् बहनों को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित होने वाली सायरा बानो ने बहुत ही हिम्मत का परिचय देते हुए तीन तलाक के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़ी है। मुख्यमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने वाली महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि बहुत सी ऐसी महिलाएं भी हैं जो कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं। राज्य सरकार महिलाओं की आर्थिकी को बेहतर करने के लिए अनेक योजनाओं पर काम कर रही है। ‘देव भूमि प्रसाद’ योजना का बहुत अच्छा परिणाम मिला है। केवल केदारनाथ में ही 2 माह में श्रद्धालुओं को 1.25 करोड़ रूपए (1 करोड़ 25 लाख) से अधिक के प्रसाद की बिक्री की जा चुकी है। बद्रीनाथ व केदारनाथ के अलावा अब यह योजना पूर्णागिरी, जागेश्वर, चंडी देवी मंदिर में भी प्रारम्भ की गई है। आगे इसका और विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक रूप से उपलब्ध स्थानीय उत्पादों की महत्ता को समझना होगा। केवल इनका सर्टिफिकेशन किया जाना होगा। अति कुपोषित बच्चों के लिए राज्य में तैयार किए गए पोष्टिक आहार ‘ऊर्जा’ (मण्डुवा, काला भट्ट, चैलाई, गेहूं, सोयाबीन, मक्का व मूंगफली आधारित खाद्य सामग्री) को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगना तीलू रौतेली का जन्म दिवस 8 अगस्त को होता है। इसलिए आगे से इस कार्यक्रम का अयोजन 8 अगस्त को किया जाएगा। राज्य सरकार केवल जच्चा-बच्चा के लिए 500 बेड का अस्पताल बनाएगी। इसके लिए उपयुक्त स्थान पर भूमि का चयन किया जाएगा। महिला व बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं। तीलू रौतेली पुरस्कार का उद्देश्य उन महिलाओं के काम को मान्यता देना है जिन्होंने समाज सुधार के लिए कठिन संघर्ष किया है। महिलाओं को और अधिक दृढ़ता से आगे बढ़ना है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र नेे राज्य की विभिन्न क्षेत्रों-जैसे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ठ प्रदर्शन, किशोरी शिक्षा, समाज में व्याप्त बुराईयों के विरूद्ध लोगों को जगारूक करना, कन्या शिक्षा को प्रोत्साहन, नदी में डूबते बच्चे की जान बचाना, बाघ के हमले से बच्चों एवं मवेशियों की जान बचाना आदि अद्वितीय कार्य करने वाली 13 महिला/किशोरियों को प्रशस्ति पत्र और रू. 21,000 की धनराशि का चैक वितरित कर वर्ष 2017-18 के लिए ‘‘राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार’’ से सम्मानित किया गया और राज्य में संचालित बाल विकास परियोजनाओं के अन्तर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में से उत्कृष्ठ कार्य कर योजना का लाभ अपने क्षेत्र की पात्र लाभर्थियों को प्रदान करने एवं समाज में जागरूकता लाने के लिए 20 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशस्ति पत्र एवं रू. 10,000 की धनराशि का चैक वितरित कर वर्ष 2017-18 के लिये राज्य आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।