ईंट भट्ठे पर काम से कैमिकल इंजीनियर तक
छत्तीसगढ के ही हरदीबाजार की दुर्गा उन परिवारों के लिए एक मिसाल हैं, जिनकी निर्धनता बेटियों के अच्छे भविष्य में रोड बनती है। दुर्गा भी बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है, जिन्होंने स्कूल के दिनोें में मां के साथ ईंट भट्ठे में काम किया, तपमी धूप में ईंटे बनायी। लेकिन आगे बढने की दृढ इच्छा शक्ति ही थी, जो उसने कक्षा दस में राज्य की प्रावीण्य सूची में 5 वीं रैंक तो कक्षा 12 वीं में तीसरी रैंक हासिल की। परिवार की आर्थिक मुश्किलों से जूझते हुए भी मां श्रीमती सुंदरियादेवी ने हर कदम पर बेटी को प्रोत्साहित किया। मां-बेटी का प्रण सफल रहा दुर्गा ने एआईट्रिपलई में अच्छी रैंक हासिल की और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर से कैमिकल इंजीनियर की डिग्री ली है।