उत्तराखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले, नंदन सिंह रावत का निधन
नब्बे के दशक के वह शुरुआती वर्ष, जब उत्तराखंड आंदोलन के बारे में आमजन को कोई जानकारी न थी, ‘जय उत्तराखंड’ की बुलंद आवाज के साथ लोगों से मिलने वाले राज्य आंदोलनकारी नंदन सिंह रावत का निधन हो गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया। उत्तराखंड राज्य के प्रबल समर्थक नंदन सिंह रावत ने आंदोलन में किस सक्रियता से प्रतिभाग किया, इसका अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश शासन ने उनके घर की कुर्की तक कर दी। नंदन सिंह ने पूरे परिवार को आंदोलन में झोंका हुआ था। उत्तराखंड क्रांति दल के कई नेता राज्य गठन के बाद सत्ता लोलुपता में राष्ट्रीय दलों में चले गए। वहीं उक्रांद के संस्थापक सदस्यों में शामिल नंदन सिंह ने जीवन की अंतिम सांस तक उक्रांद का दामन नहीं छोड़ा। वर्तमान में वे उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष भी थे। वह पिछले लंबे समय से गैगरीन की बीमारी से पीड़ित थे। उनके बेटों ने बताया कि बीमारी तो ठीक हो गई। लेकिन कुछ दिन पूर्व अचानक उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया और सोमवार को उनका देहांत हो गया। वे अपने पीछे पत्नी चंदा देवी के साथ ही चार बेटों और तीन बेटियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह खोह नदी के तट पर मुक्तिधाम में होगा।