उत्तराखंड: पहला विज्ञान संचार केन्द्र खुला पिथौरागढ़ में
देहरादून। ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस‘ के अवसर पर उत्तराखंड के प्रथम विज्ञान संचार केन्द्र का उद्घाटन पिथौरागढ़ में हुआ। यह केन्द्र उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान केन्द्र-यूसर्क देहरादून के सहयोग से समाज वैज्ञानिक संगठन- ‘पहल’ द्वारा स्थापित किया गया। यूसर्क वैज्ञानिक डा. ओ.पी. नौटियाल और पहल संस्था की अध्यक्ष कमला पंत ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस केन्द्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत और वित्त मंत्री प्रकाश पंत जी को करना था पर मौसम की गड़बड़ी की वजह से वह नहीं पहुंच सके। विज्ञान संचार केन्द्र का उद्घाटन प्रख्यात टैरिडॉलॉजिस्ट एवं पूर्व प्राचार्य डा0 नीलाम्बर पुनेठा एवं रक्षा जैव उर्जा शोध संस्थान, डिबेर पिथौरागढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 हेमन्त पाण्डे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 ज्ञानप्रकाश कच्चाहारी द्वारा की गई। यूसर्क निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने इस केन्द्र के बारे में जानकारी दी कि इस विज्ञान शिक्षा केन्द्र में विज्ञान पुस्तकालय की स्थापना की गई है। भविष्य में हमारी योजना है कि हम इसको एडयूसैट एवं अन्य नेटवर्क और कार्यक्रमों से जोड़कर वृहद रूप में इसका संचालन जनमानस के हित में करें। हमारी कोशिश होगी कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करने हेतु यह केन्द्र एक संसाधन केन्द्र के रूप में विकसित हो। समारोह में विज्ञान संचार केन्द्र के निदेशक डा0 अशोक पन्त ने सर सी0वी0 रमन के उल्लेखनीय योगदान और विज्ञान संचार केन्द्र की अवधारणा के बारे में बताते हुए कहा कि यूसर्क के तत्वावधान में कैसे पिथौरागढ़ जनपद में स्थापित विज्ञान संचार केन्द्र विद्यार्थियों एवं आम जन मानस के लिए एक विज्ञान संदर्भ के रूप में काम करेगा। यह केन्द्र विज्ञान शिक्षा के लोकव्यापीकरण, विज्ञान शोध एवं वैज्ञानिक सूचनाओं को सुलभ कराने तथा समय-समय पर सेमीनार, सिम्पोजिया एवं वैज्ञानिक गतिविधियों के आयोजन में भी मुख्य भूमिका निभाऐगा। विज्ञान संचार केन्द्र के समन्वयक डा. ओ.पी. नौटियाल ने बताया कि विज्ञान संचार केन्द्र की स्थापना एक दूरदृष्टि युक्त प्रयास है जिससे पिथौरागढ़ जनपद के विद्यार्थी एवं शिक्षक लाभान्वित होंगे क्यांकि आम जनता और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच का होना आज के युग की जरूरत है। इसलिए विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को विद्यार्थियों और आम लोगों तक पहुंचाने, वैज्ञानिक ज्ञान के साथ-साथ वैज्ञानिक सोच विकसित करने में यह केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यदि ऐसा हुआ तभी विज्ञान जनउपयोगी बन सकेगा। कमला पंत ने जानकारी दी कि समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वामी गुरूकुलानन्द सरस्वती जी ने सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान के वैज्ञानिक ज्ञान को सार रूप में प्रस्तुत करते हुए विद्यार्थियों को विज्ञान शिक्षा की महत्ता बताई। इस अवसर पर आयोजित ‘‘विज्ञान की यात्राः संदृष्टि 2050’’ विषय पर अयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में विजेता रंजना गुप्ता-एस0डी0एस0 रा0इ0का0, शालिनी द्विवेदी-सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, विश्वास उपाध्याय-मानस एकेडमी-सिटी कैम्पस, अभिषेक पाण्डे-विवेकानन्द वि0मं0, माही नूर अंसारी -मानस एकेडमी को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रमोद पाण्डेय, योगेश भट्ट, डा0 हेम पाण्डे, के0सी0 कसनियाल, डा0 कमलेश भाकुनी, मुकेश पन्त, राजेन्द्र भट्ट, डा0 विकास पन्त, रेड क्रॉस सोसाईटी के ललित पन्त, नीरज जोशी, कंचन लता पन्त, मीनू भट्ट ममता पन्त समेत अनेक गणमान्य नागरिक, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाऐं एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। समारोह का संचालन पहल के सलाहकार गजेन्द्र सिंह बोरा द्वारा किया गया।