उत्तराखंड : बंद किये हुए स्कूलों में चलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र
उत्तराखंड चारधाम श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे
देहरादून | राज्य कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है। कम छात्र संख्या वाले बंद किए गए स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाने को मंजूरी दी गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्ताह में दो दिन छात्रों को 2 अंडे और 2 केले देने को मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड चारधाम श्राइन बोर्ड के सीईओ वरिष्ठ आइएएस अधिकारी और बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। बैठक में फैसला लिया गया कि अब उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री आयकर खुद चुकाएंगे। विधेयक को कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है, जिसके बाद अब विधानसभा सत्र में इस पर मुहर लगेगी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाओं का बकाया अब 25 प्रतिशत ज्यादा लिया जाएगा। वहीं, सरकारी अधिकारियों को मिलने वाली सुविधा से भी 25 प्रतिशत बकाया लिया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। जहां, एक ओर सुगर चीनी मिल को एक प्रतिशत टैक्स माफी दी गई है, तो वहीं परेड ग्राउंड के पास नजूल भूमि पर तीन हजार वर्ग मीटर पर दून लाइब्रेरी बनाई जाएगी। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि हाई स्पीड डीजल के लिए 20 साल के लिए मिलेगा लाइसेंस, पहले एक साल के लिए मिलता था लाइसेंस। उत्तराखंड चारधाम श्राइन बोर्ड के सीईओ वरिष्ठ आइएएस अधिकारी और बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। 2020 वेलनेस समिट का देहरादून में किया जाएगा आयोजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेलनेस समिट में करेंगे शिरकत, दो दिन तक चलेगी समिट, 25 करोड़ रुपये आएगा खर्च। बंद पड़ी गदरपुर और सितारगंज चीनी मिल में से एक मिल को किया जाएगा शुरू, सरकार भूमि का उपयोग कर दोनों मिलों का बकाया करेगी चुकता। कैलाश खेर का भुगतान सरकार करेगी, एक करोड़ 67 लाख का होगा भुगतान, कैलाश खेर ने केदारनाथ पर एपिसोड तैयार किया था। उत्तराखंड मदरसा आधुनिकीकरण बोर्ड की नियमावली को मंजूरी दी गई। कम छात्र संख्या वाले बंद किए गए स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाने को मंजूरी दी गई है, 301 बंद पड़े विद्यालयों में आंगनबाड़ी केंद्र चलेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्ताह में दो दिन छात्रों को 2 अंडे और 2 केले देने को मंजूरी दी गई। भवनहीन विद्यालयों को बैम्बो भवन बनाने को हरी झंडी मिल गई, 5000 से ज्यादा भवनहीन और जर्जर विद्यालयों में बैम्बो भवन से बनेंगे।