उत्तराखंड : मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर अटकने तेज़
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की आज पीएम से मुलाक़ात के बाद मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर अटकने तेज़ हो गयी है वही मंत्रिमंडल में रिक्त दो पदों और सरकार में दायित्व मिलने की आस लगाए भाजपा कार्यकर्ताओं का इंतजार लंबा होता जा रहा है। सरकार ने न तो अभी मंत्रिमंडल का विस्तार किया है और न ही दायित्व वितरण को लेकर कोई संकेत दिए हैं। इससे पार्टी विधायकों और नेताओं में बेचैनी बढ़ती ही जा रही है। आज पीएम से सीएम का मुलाक़ात , मंत्रिमंडल विस्तार व दायित्व बंटवारे को लेकर लगातार चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गयी है। काफी तेजी से मंत्रिमंडल में दो नए चेहरे शामिल किए जाने की चर्चा उठी। मुख्यमंत्री आवास पर रविवार रात्रि विधायकों के भोज को भी इस कड़ी से जोड़कर देखा गया। भाजपा ने लगभग छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में तीन-चौथाई से अधिक बहुमत हासिल किया। भाजपा को इतने विधायक मिले कि मंत्री पद के लिए चुनिंदा का चुनाव करना टेड़ी खीर साबित हुआ। राष्ट्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री के अलावा नौ विधायकों का मंत्रियों के रूप में चयन किया, लेकिन दो मंत्री पद खाली रखे। संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक उत्तराखंड में मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 सदस्यीय हो सकता है। इसके बाद से ही इन दो मंत्री पदों पर तमाम विधायक नजरें टिकाए हैं। सियासी गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेजी से चली। खासकर सोशल मीडिया में इस तरह की चर्चा तैरती रही। इनमें कहा गया कि जल्द मुख्यमंत्री रिक्त दो मंत्री पदों पर विधायकों को जिम्मेदारी सौंपने जा रहे हैं। दिलचस्प बात यह रही कि मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर पार्टी संगठन और विधायकों ने इस तरह की चर्चाओं को खारिज कर दिया।