उत्तराखंड : वरदान साबित हुई रिटायर्ड डाक्टर दम्पत्ति के लिए सीएम एप
तीन साल से अटके वेतन व पेंशन का हुआ भुगतान
देहरादून | डाॅ. केपी जोशी सीनियर फिजीशियन जून 2015 को बेस अस्पताल श्रीनगर से रिटायर हुए थे। सिस्टम की पेचिदगियों के कारण लगभग तीन वर्ष बीत जाने पर भी डाॅ. जोशी को पेंशन तो दूर उनकी बची हुई 21 महीने की तनख्वाह भी नहीं मिल पाई थी। इसके लिए डाॅ. जोशी ने श्रीनगर बेस अस्पताल, स्वास्थ्य निदेशालय व शासन सभी जगह अर्जियां लगाई और पेंशन शुरू करने व बची हुई तनख्वाह दिलाने की गुजारिश की। परंतु तीन साल के लम्बे वक्त में उन्हें निराशा ही हाथ लगी। तभी उन्हें किसी ने सीएम एप के बारे में बताया और सुझाव दिया कि अपनी समस्या वहां आॅनलाईन दर्ज कराएं। सिस्टम से विश्वास खो चुके डाॅ. जोशी के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब एप पर शिकायत दर्ज कराने के 24 घंटे के भीतर ही उनसे सीएम कार्यालय से सम्पर्क साधा गया और मामले की पूरी जानकारी ली गई। इससे डाॅ. जोशी के मन में बुझी हुई उम्मीद फिर से जाग गई। 72 घंटे के अंदर सीएम कार्यालय के निर्देश पर स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा उनकी शिकायत पर कार्यवाही भी शुरू हो गई और पत्रावली चलने लगी। डेढ़-दो माह में तो उनकी रिटायरमेंट से पूर्व की 21 माह की रूकी हुई तनख्वाह भी मिल गई और पेंशन भी शुरू हो गई। डाॅ. जोशी ने कहा कि वे अपने सेवाकाल में अनेक उच्च पदों पर रहे हैं। वे उत्तराखण्ड के पूर्व राज्यपाल व कई पूर्व मुख्यमंत्रियों के निजी चिकित्सक रह चुके है । फिर भी सिस्टम की खामियों से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। डाॅ. जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का धन्यवाद देते हुए कहा कि सीएम एप उनके जैसे लोगों के लिए वरदान की तरह है। सीएम एप पर शिकायतों के निस्तारण में जिस तरह की तेजी दिखाई जाती है वह सराहनीय है। इसी प्रकार डाॅ. केपी जोशी की पत्नी डाॅ. सुषमा जोशी दून अस्पताल में वरिष्ठ पेथोलाॅजिस्ट थीं। वे भी वे दिसम्बर 2015 में रिटायर हो गई थीं। डाॅ. सुषमा जोशी ने बताया कि ढाई वर्ष बीत जाने पर भी इनकी पेंशन स्वीकृत नहीं हुई। वे जब अपनी पेंशन के सिलसिले में दून अस्पताल जाती तो वहां कहा जाता कि उनकी पत्रावली स्वास्थ्य निदेशालय में है और जब निदेशालय जाती तो कहा जाता कि पत्रावली दून अस्पताल में है। उन्हें अपनी पेंशन के लिए काफी चक्कर लगाने पड़ रहे थे। इस पर उन्होंने भी सीएम एप पर आॅनलाईन शिकायत दर्ज कराई। तुरंत ही सीएम कार्यालय द्वारा उनसे सम्पर्क साधा गया। स्वास्थ्य निदेशालय से सारी जानकारियां ली गई। सीएम कार्यालय के निर्देश पर निदेशालय द्वारा जरूरी औपचारिकताएं पूरी की गई और शिकायत दर्ज कराने के दो माह में ही उनकी पेंशन प्रारम्भ हो गई। डाॅ. सुषमा जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र का आभार व्यक्त किया और कहा कि इतने अच्छे एप का लाभ सभी को उठाना चाहिए।