उत्तराखण्ड के 18 नगर निकायों के कूड़े-कचरें से बनेगे बिजली
उत्तराखण्ड के 18 नगर निकायों में कूड़े-कचरें से बिजली बनाने की योजना को सिडकुल बोर्ड ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। जर्मन तकनीक पर आधारित ’वेस्ट टू एनर्जी’ परियोजना की शुरूआत रूड़की से की जायेगी। इससे शहरों के सभी तरह के कूड़ा-कचरे के निस्तारण में सहूलियत होगी। रूड़की शहर में ही प्रतिदिन 500 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। रूड़की के बाद मंगलौर, लंढौर, भगवानपुर, झबरेड़ा, लक्सर, हरिद्वार, भेल(हरिद्वार), शिवालिकनगर, ऋषिकेश, मुनिकीरेती, स्वर्गांश्रम, नरेन्द्रनगर, डोईवाला, देहरादून, हरबर्टपुर, विकासनगर और मसूरी में भी यह परियोजना लागू की जायेगी। बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राकेश शर्मा की अध्यक्षता में सिडकुल बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि शहर का कूड़ा इकट्ठा करके सिंथेटिक गैस में बदला जायेगा। इस गैस को विद्युतीय ऊर्जा में परिवर्तित किया जायेगा। इससे पैदा होने वाली बिजली यूपीसीएल ग्रिड में दी जायेगी। इसका इस्तेमाल कुकिंग गैस के रूप में भी किया जा सकता है। इसके अलावा मुख्य सचिव ने उत्पादन की आवश्यकता के अनुरूप पर्वतीय क्षेत्रों में मिनी इंडस्ट्रियल एस्टेट विकसित करने के निर्देश दिए। हर्षिल, नौगांव, पुरोला को एपल चेन के रूप में विकसित किया जा रहा है। भिकियासैंण, मुनस्यारी, बेतालघाट आदि विभिन्न स्थानों पर खाद्य प्रसंस्करण ईकाई और कोल्ड स्टोरेज लगाये जाने की दिशा में कार्य चल रहा है। बोर्ड ने सेलाकुई में सेंटर फार एरोमेटिक प्लांट के लिए 3 एकड़ औद्योगिक भूमि आवंटित करने, सितारगंज औद्योगिक क्षेत्र फेज-टू में 132 केवी सब स्टेशन लगाने, औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए हुडको से वित्तीय सहायता लेेने की मंजूरी दी गई।