उत्तराखण्ड क्रिकेट के हित में एक मंच पर आएं क्रिकेट एसोसिएशन: दिव्य नौटियाल
देहरादून | उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के अध्यक्ष रामशरण नौटियाल ने कहाकि, हम लोगों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ियों के लगातार हो रहे पलायन को रोकने के अभिप्रायः से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। हमारी संस्था द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करके न्याय की मांग की गई। (केस संख्या- 4235/2014 है। दिनांक 29 नवंबर 2017 को अपील संख्या-1244996 आॅफ 2017) में माननीय उच्चतम न्यायायल ने उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट एवं खिलाड़ियों के भविष्य के मद्देनजर महत्वपूर्ण आदेश बीसीसीआई के प्रशासनिक समिति को जारी किये हैं। हम अपनी और सम्पूर्ण राज्य की ओर से माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आभार व्यक्त करते हैं।उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) सचिव दिव्य नौटियाल ने कहााकि, आप भली भांति अवगत हैं कि हमारी एसोसिएशन के प्रयासों से ही वर्ष 2009 में डीडीसीए के अध्यक्ष अरूण जेटली जी के मार्गदर्शन में प्रदेश की सभी क्रिकेट एसोसिएशनों को एक मंच पर लाने का प्रयास हुआ था। लेकिन कुछ संस्थाओं की अडंगेबाजी के चलते ये प्रयास सफल नहीं हो पाया। पुनः वर्ष 2011 में हमारी संस्था के अथक प्रयासों के फलस्वरूप राज्य के तत्कालीन खेल मंत्री खजान दास जी द्वारा एक बैठक क्रिकेट एसोसिएशनों को एक मंच पर लाने के लिये आहूत की गयी थी। जिसका कुछ क्रिकेट एसोसिएशनों ने बहिष्कार किया था।
दिव्य नौटियाल ने कहाकि, हमारी एसोसिएशन के अथक प्रयासों से ही पुनः उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को मान्यता दिलाने की दिशा में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी द्वारा आहूत बैठक 16 अक्टूबर 2017 में हम लोगों द्वारा आखिरी क्षणों तक उत्तराखण्ड राज्य के चारों क्रिकेट एसोसिएशनों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया, किन्तु अन्य एसोसिएशनों की हठधर्मिता के कारण सफलता नहीं मिल सकी। कुछ संस्थाओं ने अपने स्वार्थ के लिये सारा मामला रणजी ट्राफी की ओर मोड़ने का काम किया लेकिन राज्य हित में हर बार हम एकता के लिये तैयार रहे।