उत्तराखंड: अब नहीं होगी बंदियों की सजा माफी आसान
उत्तराखंड शासन ने सिद्धदोष बंदियों की सजा माफी को लेकर अब सख्त प्रावधान किए हैं। दया याचिकाओं के निस्तारण के लिए सजा माफी को लेकर एक समिति का गठन किया गया है। प्रमुख सचिव गृह अथवा कारागार की अध्यक्षता में बनने वाली यह समिति याचिकाओं का अध्ययन कर संस्तुति मुख्यमंत्री को सौंपेगी। विदित हो की प्रदेश में सजा माफी के लिए अभी तक बने प्रावधान काफी लचीले थे। इसका फायदा लेकर हत्या के आरोप में सिद्ध दोष बंदी तक अपनी सजा माफ करा चुके हैं। इसे देखते हुए शासन ने अब सिद्ध दोष बंदियों की सजा माफी के लिए जारी आदेशों में संशोधन किया है। चार सदस्यीय समिति में प्रमुख सचिव गृह अथवा कारागार के अलावा प्रमुख गृह सचिव द्वारा नामित कोई अन्य सचिव, प्रमुख सचिव न्याय, व महानिरीक्षक कारागार को शामिल किया गया है। याचिका प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर संबंधित कारागार के अधीक्षक बंदी के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट महानिरीक्षक कारागार को उपलब्ध कराएंगे। इसमें बंदी के व्यवहार व आचरण का पूरा ब्योरा होगा। महानिरीक्षक कारागार इस रिपोर्ट में बंदी के संबंध में जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस अधीक्षक से और जानकारी लेकर शासन को उपलब्ध कराएगा।