उमेश कुमार केस : सरकार को फिर झटका
नैनीताल। हाईकोर्ट ने न्यूज चैनल के सीईओ उमेश कुमार के खिलाफ जारी बी वारंट पर रोक लगाते हुए विवेचक को पांच दिसंबर तक जवाब पेश करने या फिर खुद कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। इस याचिका में मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को व्यक्तिगत तौर पर पक्षकार बनाया गया है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में उमेश कुमार की याचिका पर सुनवाई हुई। दो नवंबर को राजपुर थाने में विनय मलिक की ओर से उमेश कुमार, आशीष एरोन, विक्रम और जितेंद्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार उमेश समेत तीन अन्य उसके प्लॉट पर कब्जा करना चाहते हैं। जबकि याचिकाकर्ता उमेश का कहना था कि प्लॉट आशीष ऐरॉन का है। कोर्ट ने 1999 में आशीष के हित में इस प्लाॅट से संबंधित निर्णय दिया था। आशीष को हाई कोर्ट से स्थगनादेश मिल चुका है। आइओ की ओर से देहरादून कोर्ट मेें प्रार्थना पत्र देकर उमेश को गिरफ्तार करने के लिए बी वारंट जारी कराए हैं, जो नियम विरुद्ध हैं। इस वारंट को याचिका के जरिये उमेश द्वारा चुनौती दी गई। याचिका में आरोप लगाया है कि याची के खिलाफ जितनी भी प्राथमिकी दर्ज की जा रही है, उसमें मुख्यमंत्री व अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश का हाथ है। एकलपीठ ने बी वारंट के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए आइओ को निर्देश दिए हैं कि वह पांच दिसंबर तक जवाब पेश करें या जवाब पेश नहीं करने की स्थिति में खुद पेश हों।