एंबुलेंस नहीं मिली, शव को हाथ ठेले पर लेकर निकल पड़ा
तेलंगाना। ओडिशा के दाना मांझी का मामला अभी लोग भूले भी नहीं की इस तरह की एक और घटना सामने आ गई है। इस तरह का एक मामला तेलंगाना में सामने आया है जहां एक बुजुर्ग के साथ ऐसा कुछ हुआ जो इंसानियत को शर्मसार करने के लिए कापफी है। दरअसल यहां एक बुजुर्ग भिखारी की पत्नी का निधन हो गया लेकिन उसके शव को ले जाने की व्घ्यवस्घ्था नहीं हो पाई। पैसों की कमी के चलते यह भिखारी एंबुलेंस का इंतजाम नहीं कर पाया। इसके बाद वो हैदराबाद से 60 किमी दूर स्थित अपने गांव पहुंचने के लिए हाथठेले पर पत्नी का शव रखकर पैदल निकल पड़ा। दुर्भाग्घ्य ने यहां भी उसका साथ नहीं छोड़ा और इतनी दूर चलने के बाद वो रास्ता भटकने की वजह से अगले दिन किसी दूसरे ही गांव पहुंच गया। इस व्यक्ति की पहचान रामुलु के रूप में हुई है जिसकी पत्नी कविता की लेप्रोसी के चलते शुक्रवार को मौत हो गई थी। रामुलु पत्नी के शव को अंतिम संस्कार के लिए अपने गांव ले जाना चाहता था लेकिन एंबुलेंस के लिए पैसे का इंतजाम नहीं कर पाया। इसके बाद उसने हाथठेले पर पत्नी का शव रख और उसे गांव लेकर रवाना हो गया। दुर्भाग्य तो देखिये कि वो रात में रास्ता भटक गया और 60 किमी चलने के बाद वो अपने गांव सांगारेîóी की बजाय किसी दूसरे गांव विक्रमाबाद पहुंच गया। गांव के लोगों ने उसे शव के साथ देखातो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एंबुलेंस की व्ययवस्था करवाई जिसके बाद वो अपने मेंढक जिले में स्थित अपने गांव सांगारेîóी पहुंच सका। विक्रमाबाद के सर्कल इंस्पेक्टर जी रवि के अनुसार पत्नी के देहांत के बाद वो अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार गांव में करना चहता था। एंबुलेंस वालों ने उससे इसके लिए 5 हजार रुपए मांग लिए। पैसे नहीं होने की वजह से वो ठेले पर ही शव लेकर रवाना हो गया। यहां से उसे एंबुलेंस के माध्यम से उसके गांव पहुंचाया गया है।