एक मंदिर ऐसा जहाँ पाक आर्मी भी सर झुकाती है , जानिए ख़बर
जोधपुर | यह ख़बर कुछ पल के लिए आप को अचम्भित कर सकती है जी हां लेकिन यह सत्य है राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना को परास्त करने में तनोट माता की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि माता ने सैनिकों की मदद की और पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा था। यह मंदिर जैसलमेर से थार रेगिस्तान में 120 किमी. दूर सीमा के पास स्थित है। विदित हो की यह मंदिर भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सैनिकों के लिये भी आस्था का केन्द्र रहा है। मंदिर को बीएसएफ ने अपने नियंत्रण में ले लिया। आज यहां का सारा प्रबंध सीमा सुरक्षा बल के हाथों में है। माता का मंदिर जो युद्ध के दौरान सुरक्षाबलों का कवच बना रहा, शांति होने पर सुरक्षाबल इसका कवच बन गये। मंदिर के अंदर ही एक संग्रहालय है, जिसमें वे गोले भी रखे हुए हैं। पुजारी भी सैनिक ही है। सुबह-शाम आरती होती है।इस घटना की याद में तनोट माता मंदिर के संग्रहालय में आज भी पाकिस्तान द्वारा दागे गये जीवित बम रखे हुए हैं। 1965 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना की तरफ से गिराए गए बम भी इस मंदिर पर खरोंच तक नहीं ला सके, यहां तक कि मंदिर परिसर में गिरे 450 बम तो फटे भी नहीं। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक रक्षक तैनात रहता है, लेकिन प्रवेश करने से किसी को रोका नहीं जाता। फोटो खींचने पर भी कोई पाबंदी नहीं। इस मंदिर की ख्याति को हिंदी फिल्म ‘बॉर्डर’ की पटकथा में भी शामिल किया गया था