ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता राजकुमार तिवारी फुटपाथ पर बेच रहे है फैंसी ज्वेलरी
वक्त और हालात क्या से क्या नही कराता ऐसी कहावते अक्सर सुनी और देखी जाती है | परन्तु इसी मुहावरो की छाप एक खिलाडी पर सच्ची बैठती है | बात हो रही है ओलम्पिक में स्वर्ण पदक विजेता राजकुमार तिवारी की जो स्पेशल विंटर ओलम्पिक का स्वर्ण पदक विजेता है लेकिन अब बैंकाक में अगस्त में होने वाले एशियन गेम्स के लिए खिलाड़ी राजकुमार तिवारी पटरी पर दुकान लगा कर सामान बेच रहा है उसकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब है की एशियन गेम्स में हिस्सा लेने जाने के लिए उनके पास रूपये नही है | खिलाड़ी राजकुमार सुबह के समय पहाड़गंज इलाके में फैंसी ज्वेलरी बेचता है और शाम को गुड़गांव के एक मॉल में आइस स्केटिंग का अभ्यास करने जाता है |राजकुमार फ़रवरी २०१३ में आयोजित स्पेशल विंटर ओलम्पिक की आइस स्केटिंग की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण और डबल्स स्पर्धा में रजत पदक जीता था | केंद्र सरकार द्वारा उस समय ५० हज़ार रूपये देकर अपने कर्तब्य का निर्वाह पूर्ण कर लिए | उत्तरप्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले राजकुमार ने कहा हम जैसे खिलाड़ियों के लिए कोई स्पांसर नही होता और न ही सरकारी विभाग द्वारा संतुष्ट युक्त मदद मिलती है |केंद्र सरकार और दिल्ली की सरकार इस पर अमल कर इस खिलाडी को हरसम्भव मदद करे ऐसे ही अन्य खिलाड़ियों के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाये |