कंधे में धंसी गोली की परवाह किए बिना 18 घंटों तक नक्सलियों के खिलाफ संभाला मोर्चा
35 एनकाउंटर और आधा दर्जन नक्सली कमांडरों को मार गिराने वाले जांबाज पुलिस अफसर प्रकाश राठौर का नाम सुन नक्सलगढ़ के दहशतगर्द भी दहशतजदा हो जाते हैं। इस वीरता के लिए 15 अगस्त को प्रकाश राठौर वीरता पदक प्रदान किया जाएगा। इस जांबाज पुलिस अफसर ने तब बेमिसाल शौर्य का परिचय दिया, जब कंधे में धंसी गोली की परवाह किए बिना पूरे 18 घंटों तक नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोले रखा। नक्सलियों ने चारों ओर से घेर रखा था। जख्म की परवाह किए बगैर वे टीम का हौसला बढ़ाते हुए मोर्चे पर दीवार बनकर डटे रहे। सुकमा में कई दुदरंत नक्सली कमांडरों को मौत के घाट उतारने वाले कोरबा के इस शूरवीर को पुलिस गैलेंट्री अवार्ड घोषित हुआ है। उन्हें राष्ट्रपति की ओर से प्रदत्त यह पुलिस वीरता पदक आगामी स्वतंत्रता दिवस पर रायपुर में राज्यपाल द्वारा प्रदान किया जाएगा। ढ़ेर सारे नक्सल ऑपरेशन में अपनी हिम्मत का लोहा मनवा चुके प्रकाश की पहचान एक ऐसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की है, जो कभी हार नहीं मानता। 2017 में 18 घंटे तक चला किस्टाराम थाना क्षेत्र के पोटकपल्ली में किया गया ऑपरेशन चर्चा में रहा।16 जवानों का नेतृत्व करते हुए वे 150 कोबरा कमांडो के साथ पांच दिन के ऑपरेशन पर थे। दो दिन सर्चिंग के बाद तीसरे दिन नक्सलियों की पूरी बटालियन ने हमला कर दिया। 15 जवान घायल तो तीन कोबरा कमांडो शहीद हो गए। सुबह 10 बजे शुरू हुई मुठभेड़ के बीच दोपहर करीब तीन बजे उन्हें कंधे पर गोली लगी, लेकिन रात गुजर गई और सुबह हो गई, पर वे डटे रहे। अपनी जान पर खेलकर साथियों की ढाल बने रहे। तीन भाई-बहनों में प्रकाश सबसे छोटे हैं।इंस्पेक्टर प्रकाश राठौर को यह गैलेंट्री अवार्ड वर्ष 2016-17 के लिए मिलने जा रहा है। उन्होंने कोबरा कमांडो के साथ मिलकर दो ऐसे नक्सली कमांडरों भास्कर और महिला कमांडर जोगी को मार गिराया था, जिनके नाम से भेज्जी और कोंटा क्षेत्र में काफी दहशत थी।