कभी बीनते थे कूड़ा अब है चंडीगढ़ के मेयर , जानिए खबर
चंडीगढ़ | राजनीति में ऐसे स्थिति पर सीढिया चढ़ना जो उस मुकाम तक नही पहुँच पाते उनके लिए प्रेरणास्रोत है यह ख़बर जी हां हम बात कर रहे है 46 वर्षीय राजेश कालिया की जो चंडीगढ़ के नए मेयर हैं. राजेश कालिया को शनिवार को हुए एक चुनाव में 20 में से 16 मत हासिल हुए और वह चंडीगढ़ के प्रथम नागरिक बन गए. राजेश वाल्मीकि समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उनके पिता कुंदनलाल एक सफाई कर्मी के तौर पर सेवानिवृत्त हुए. उनका एक भाई आज भी सफाई कर्मी के तौर पर कार्य कर रहा है. अपने घर के सामने बने कचरे के पहाड़ की ओर इशारा करते हुए राजेश कालिया कहते हैं कि यह वही कचरे का पहाड़ है जहां बचपन में कभी वह कूड़ा कचरा बीन कर 20-30 रुपये प्रतिदिन कमाते थे. अब वह चंडीगढ़ का मेयर बनकर इस कचरे के पहाड़ को गायब करना चाहते हैं. राजेश कालिया ने बचपन से ही अपने समुदाय और अपने परिवार को जीवन के लिए संघर्ष करते देखा. इसी संघर्ष ने उन्हें अपने समुदाय के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया. बहुत कम लोग जानते हैं कि राजेश कालिया एक अत्यंत निर्धन परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वह बचपन में अपने 6 भाई बहनों के साथ कूड़ा करकट बीन कर परिवार की आय में अपना योगदान देते थे. कालिया के पिता 1977 में चंडीगढ़ में आकर बस गए थे. यही नही रहने को घर नहीं था तो कई साल तक एक झोपड़ी में रहते रहे. वह खुद स्कूल नहीं जा पाए क्योंकि छुआछूत के कारण उनको स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया था.