काव्य क्षेत्र में शोध कार्य पर साहित्यकारों को सरकार करेगी मदद : रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कविल्ठा में आयोजित त्रिदिवसीय महाकवि कालीदास सम्मेलन का शुभारम्भ करते हुए कालीमठ क्षेत्र के पौराणिक इतिहास पर प्रकाश डालते हुये कहा कि महाकवि कालीदास महान विद्वान थे और उनके काव्य ग्रंथों ने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। काव्य क्षेत्र में शोध कार्य करने वाले साहित्यकारों को राज्य सरकार की तरफ से प्रोत्साहन दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने शीतकालीन यात्रा को जनयात्रा में बदलने के साथ ही स्थानीय लोगों से भी अपने क्षेत्र के मठ-मंदिरों एवं तीर्थ स्थलों में दर्शन करने को कहा, जिससे पर्यटन एवं तीर्थाटन को बढ़ावा मिल सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मंडुवा, झंगोरा, गहत, मारछा सहित अन्य नगदी उत्पादों के उत्पादन पर विशेष जोर दिया है। यदि पहाड़ी क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर रोक लगानी है तो हमें खेती की और लौटने के साथ ही हस्तशिल्प पर भी ध्यान देना होगा। सरकार अब हिमालय दर्शन यात्रा भी शुरू कर रही है, जिसमें क्षेत्र को हवाई एंबुलेंस सेवा से भी जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि कालीमठ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ सहित अन्य क्षेत्रों को भी केदारनाथ की तर्ज पर विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनता के हित में सरकार ने अनेक योजनाओं का संचालन किया है। जनता को योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। कालीमठ क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान सड़क, पुल की बदहाल स्थिति पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी डाॅ राघव लंगर को क्षेत्र में कार्य कर रहे ठेकेदार के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाईस्कूल कालीमठ को इंटरमीडिएट में उच्चीकृत करने, कालीमठ में पेयजल समस्या को दूर करने के लिये पेयजल योजना के लिये सर्वेक्षण करने, कालिदास संस्कृत शोध केन्द्र की स्थापना के लिये प्रारूप तैयार करने, संस्कृत शोध पुरस्कार योजना का संचालन, कालीमठ में शारदीय नवरात्रा के दौरान लगने वाले मेले के लिये अनुदान उपलब्ध कराने सहित कालीमठ क्षेत्रांतर्गत सहाकारी बैंकों को कम्प्यूटरीकृत करने की घोषणा की।