केदारनाथ में निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर सीएस ने जताया असंतोष
रुद्रप्रयाग। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने केदारनाथ में गतिमान पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने डीडीएमए को गौरीकुण्ड से केदारनाथ मंदिर तक पर्याप्त संख्या में स्थाई शौचालय निर्मित करने को कहा। उन्होंने सरस्वती नदी पर सुरक्षा व घाट निर्माण कार्य में धीमी प्रगति और पर्याप्त संख्या में लेबरों के मौके पर मौजूद न होने पर असंतोष जाहिर करते हुए कार्यदायी संस्था को लेवरों की संख्या बढ़ाने व गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए आगामी निरीक्षण तक कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए। केदारनाथ मंदिर के पश्चिमी द्वार के समीप बनी रेप्लिका से मंदाकिनी नदी (आस्था पथ) पर सिंचाई विभाग को रास्ते के ऊपर शेड बनाने, जिससे यात्रियों की बारिश, ओलावृष्टि में सुरक्षा बनी रहे। डीडीएमए द्वारा गरूडचट्टी को जोडने के लिए मंदाकिनी नदी पर प्रस्तावित 60 मीटर पुल कार्य को अतिशीघ्र प्रारम्भ करने, आॅफ सीजन के दौरान चबूतरे के चैड़ीकरण व 50 फुट रास्ते के लिए तोडे गए पांच भवनों को यात्रा से पूर्व डीडीएमए को भवनों को निर्मित करने, शंकराचार्य समाधि स्थल के कार्य में तेजी लाने, जिससे यात्रा समाप्ति तक कार्य पूर्ण हो सके, डीडीएमए द्वारा तीर्थ पुरोहितों के लगभग 70 भवनों में निर्माण कार्य किया जाना है, जिसमें प्रगति लाने, मंदाकिनी नदी में डीडीएमए द्वारा किए गए सुरक्षा कार्य के संबंध में आवश्यकतानुसार सर्फेस की मरम्मत करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए। डीडीएमए को केदारनाथ में अवस्थित पांच सरकारी भवनों की मरम्मत कर सेन्ट्रल प्लाजा के नौ मकान के प्रभावितों को सरकारी आवास को हैंडओवर करने, ताकि तीर्थ पुरोहितों को पुर्नवासित किया जा सके। मंदाकिनी नदी पर सुरक्षा दीवार बनने के उपरान्त प्राप्त हुई जमीन पर तीर्थ पुरोहितों के लिए आवासीय भवन व दुकान का प्लाॅन बनाने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए। इस मौके पर एसडीएम ऊखीमठ गोपाल सिंह, केदारनाथ, अभियंता सिंचाई डीपीएमयू सुनील कुमार, डीडीएमए प्रवीन कर्णवाल, सहित जेएसडब्लू ग्रुप के सीईओ संदीप गोखले, वास्तुविद निकुल शाह, अनिल एवं संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।